यूपी: हेट स्पीच के आरोपी यति नरसिंहानंद को हिरासत में लिया गया, कई प्रदेशों में एफआईआर

ग़ाज़ियाबाद में डासना मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद की कथित इस्लाम विरोधी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई हैं और यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है. नरसिंहानंद की विवादास्पद टिप्पणी लेकर यूपी, महाराष्ट्र, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं.

यति नरसिंहानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के विवादास्पद मुख्य पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ इस्लाम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उनके सहयोगियों ने भी कहा कि उन्हें गाजियाबाद में हिरासत में लिया गया है.

इस बीच, विवाद को बढ़ाते हुए भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर (लोनी) ने आरोप लगाया कि नरसिंहानंद के मंदिर पर शुक्रवार को हमला किया गया था और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को ‘एनकाउंटर में गोली मार दी जानी चाहिए.’

हालांकि, पुलिस ने मंदिर पर किसी हमले की पुष्टि नहीं की है. गाजियाबाद के पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा, ‘शुक्रवार रात को कुछ युवक मंदिर परिसर के बाहर हंगामा कर रहे थे. मंदिर संगठन ने स्थानीय थाना प्रभारी को सूचित किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया.’

उधर, शनिवार को डासना देवी मंदिर पहुंचे नंद किशोर गुर्जर ने कहा, ‘पुलिस ने रात लाठीचार्ज करने का तो नाटक किया, लेकिन रात 10-20 लोगों को गोली मार कर एनकाउंटर करना चाहिए था… ये हमला पूरे हिंदुत्व पर है… अगर रात 10- 20 लोग मर जाते तो इस तरह बवाल करने वाले नहीं होते.’

उन्होंने कहा, ‘ये सनातन धर्म पर हमला है, ये हिंदुओं की आस्था पर हमला है… सब पे एनएसए लगाया जाए, और जो गिरफ्तार न हो, इनाम बोल के उनका एनकाउंटर हो… दो-चार स्थानीय हो सकते हैं, ज्यादातर इसमें बाहर के आतंकवादी थे, रोहिंग्या थे… बाहरी मुसलमान हैं और अगर इनके साथ कोई स्थानीय मुसलमान है तो पुलिस उनका एनकाउंटर करे… नहीं तो समाज निर्णय लेगा… आर पार की जंग होगी, उसके लिए फिर तैयार रहेंगे.’

उन्होंने आग में और घी डालते हुए कहा, ‘यहां कानून से चलेगा देश. ये कोई सीरिया नहीं है, अफगानिस्तान, बांग्लादेश नहीं है. यहां की पुलिस मजबूत है, मुझे उम्मीद है कि पुलिस यहां न्याय करेगी. महंतजी ने जो कहा उसमें एफआईआर हुई, उसके बाद ये हमला… ये हमला मंदिर पे किया गया है… इसलिए जिन्होंने हमला किया है उनकी सात पीढ़ी याद करेंगी ऐसा हम करेंगे, या पुलिस कार्रवाई करेगी… यहां दंगा ही हुआ था रात को… क्या लोगों ने चूड़ियां पहन रखी हैं.’

कई एफआईआर

उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब 29 सितंबर को गाजियाबाद में की गई नरसिंहानंद की कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं और जिसे लेकर उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन और पुलिस शिकायतें हुई हैं.

उनकी ताजा टिप्पणी के बाद यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ बीएनएस धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 302 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 197 (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रविवार को यति नरसिंहानंद पर हेट स्पीच के आरोप में ठाणे पुलिस ने भी मामला दर्ज किया है.  यह एफआईआर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के अध्यक्ष की शिकायत के बाद दर्ज हुई है.

इस बीच, शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद डासना देवी मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शनिवार को 100-150 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न बीएनएस धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें 298 (धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), 353 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए उकसाने वाले बयान), 191 (2) (दंगा), 193 (3) (जिस जमीन पर गैरकानूनी जमावड़ा या दंगा होता है, उसके मालिक की जिम्मेदारी), 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 121 (1) (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना) और 221 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना) शामिल हैं.

वहीं महाराष्ट्र के अमरावती में शुक्रवार को रसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही भीड़ पर पुलिस पर पथराव करने के आरोप में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया.

गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को नरसिंहानंद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा, इस बीच चार और लोगों के खिलाफ हेट स्पीच सिलसिले में बीएनएस धारा 302 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई – जिनकी पहचान अनिल यादव, रण सिंहानंद, राम स्वरूपानंद और निर्भयानंद के रूप में हुई है, जो सभी मंदिर के पुजारी हैं.

ज्ञात हो कि इससे पहले भी नरसिंहानंद को दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक ‘धर्म संसद’ में उनके नफरती भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था. मामले में जमानत पर रहते हुए उन्होंने अप्रैल 2022 में दिल्ली में एक ‘महापंचायत’ में फिर से इसी तरह की टिप्पणी की थी.

सपा नेता ने लगा नजरबंदी का आरोप

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी की नेता और दिवंगत शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने आरोप लगाया कि उन्हें और कुछ महिला कार्यकर्ताओं को शनिवार को लखनऊ पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया, क्योंकि वे पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रही थीं.

राणा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने जाने से मना कर दिया और उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को लिखित शिकायत सौंपनी पड़ी.

राणा ने कहा, ‘हमने एसीपी रत्नेश सिंह से साफ कहा कि अगर इस शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई नहीं की गई तो हम आपके थाने का घेराव करेंगे.’

सपा नेता ने कहा कि नरसिंहानंद के कथित नफरत भरे भाषण से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है. उन्होंने कहा, ‘पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सोशल मीडिया के इस दौर में इस तरह का मामला देश-विदेश में फैल जाता है और देश की छवि खराब होती है.’

हालांकि, पुलिस ने कहा कि उनकी शिकायत नियमों के अनुसार दर्ज की गई है. एसीपी ने इस बात से इनकार किया कि राणा और अन्य महिला कार्यकर्ताओं को घर में नजरबंद किया गया था और दावा किया कि कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या की कोई रिपोर्ट नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘राणा को इस मामले में लिखित शिकायत देनी थी, जो उन्होंने दी. पुलिस नियमों के अनुसार जो भी कार्रवाई होगी, करेगी. शिकायत कैसरबाग थाना प्रभारी को दे दी गई है. कहीं भी कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है.’

नरसिंहानंद का विवादित इतिहास

मालूम हो कि कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं.

सितंबर 2022 में एक धार्मिक समारोह में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में पुलिस ने यति नरसिंहानंद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे के खिलाफ केस दर्ज किया था.

अलीगढ़ में हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि मदरसों और अलीगढ़ मुस्ल्मि विश्वविद्यालय (एएमयू) को बम से उड़ा देना चाहिए. नरसिंहानंद ने अलीगढ़ को उस स्थान के रूप में पारिभाषित किया था, जहां से ‘भारत के विभाजन का बीज’ बोया गया था.

अप्रैल 2022 में ही उन्होंने मथुरा में हिंदुओं से अधिक संतान पैदा करने की अपील की थी, ताकि भारत को आने वाले दशकों में ‘हिन्दू विहीन’ राष्ट्र बनने से रोका जा सके.

इसी महीने में नरसिंहानंद के एक संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया था. संगठन ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया था. कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने दावा किया था कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं.

इससे पहले उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में 3 अप्रैल 2022 को आयोजित ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने फिर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करते पाए गए थे. इस संबंध में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

हरिद्वार धर्म संसद मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए नरसिंहानंद ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए ये नफरती भाषण दिए थे.

इस मामले में नरसिंहानंद और अन्य वक्ताओं के खिलाफ दिल्ली के मुखर्जी नगर पुलिस थाने में नफरती भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.

यति नरसिंहानंद हरिद्वार धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. दिसंबर 2021 में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलकर नफरत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था.

धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने मुस्लिम समाज के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.