नई दिल्लीः हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के साथ साथ कुछ राजनीति घरानों के लिए भी मायूसी भरे रहे, जहां राज्य के कई नामी राजनीतिक परिवारों से आने वाले उम्मीदवारों ने अपना गढ़ खो दिया. पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल, बंसीलाल और देवीलाल के परिवारों के सदस्य इस सूची में शामिल हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का परिवार हिसार के आदमपुर की वह सीट हार गया, जो पांच दशकों से अधिक समय से उनका गढ़ रही थी. इस सीट से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री के पोते और मौजूदा विधायक भव्य बिश्नोई को मैदान में उतारा था, लेकिन वह कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्र प्रकाश से 1,268 वोटों के मामूली अंतर से हार गए.
उनसे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता कुलदीप बिश्नोई और दादा भजन लाल ने किया था.
इसी तरह तोशाम विधानसभा सीट पर बंसीलाल के पोते और पोती आमने-सामने थे, जहां भाजपा की प्रत्याशी श्रुति चौधरी ने अपने चचेरे भाई और कांग्रेस के अनिरुद्ध चौधरी को मात दी है.
श्रुति चौधरी भाजपा नेता किरण चौधरी और बंसी लाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं, जबकि अनिरुद्ध चौधरी बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं. महेंद्र और सुरेंद्र सगे भाई थे.
देवीलाल के पोते और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) से मौजूदा विधायक अभय सिंह चौटाला कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल से सिरसा जिले की ऐलनाबाद सीट 15,000 मतों के अंतर से हार गए.
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के के परपोते जजपा के दिग्विजय सिंह चौटाला भी अपनी सीट हार गए. दिग्विजय सिंह चौटाला जजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई हैं. दुष्यंत भी अपनी उचाना सीट हार गए.
सिरसा की रानिया सीट से पूर्व मंत्री और देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला हार गए. हाल ही में टिकट न मिलने के बाद वह भाजपा छोड़ कर एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे.
हालांकि, देवीलाल के परपोते अर्जुन चौटाला रानिया से जीत गए. वह अभय सिंह चौटाला के बेटे हैं.
वहीं, भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव महेंद्रगढ़ के अटेली से चुनाव जीतीं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला ने कैथल सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक लीला राम को हराकर जीत दर्ज की है.
मालूम हो कि मंगलवार (8 अक्टूबर) को आए विधानसभा चुनाव के परिणाम में बहुमत से अधिक 48 सीटों के साथ भाजपा रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं.