नई दिल्ली: भारत के जाने-माने उद्योगपति टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर) को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन द्वारा हस्ताक्षरित बयान में यह नहीं बताया गया कि उनकी मृत्यु किस कारण से हुई. इससे पहले, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से बताया था कि टाटा की हालत गंभीर है और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
चंद्रशेखरन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘हम बहुत दुःख की अनुभूति के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं, वे वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है.’
चंद्रशेखरन ने टाटा समूह में टाटा के नेतृत्व और ‘कल्याण और समाज के विकास के प्रति उनके समर्पण’ की सराहना करते हुए कहा कि, ‘वे सिर्फ़ एक अध्यक्ष से कहीं बढ़कर थे. मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे. उन्होंने अपने उदाहरण से प्रेरणा दी.’
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने सुबह 10 बजे सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाने का ऐलान किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने उद्योगपति का पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक दक्षिण मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में रखने की सूचना दी, जहां तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए जा सकते हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक दिन की राजकीय शोक की घोषणा की. सोरेन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण श्री रतन टाटा जी के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.’
इससे पहले, सोमवार को टाटा ने अपने स्वास्थ्य के बारे में फैली अफवाहों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि वह अपनी उम्र और संबंधित चिकित्सा स्थितियों के कारण फिलहाल चिकित्सा जांच करवा रहे हैं.
रतन टाटा, टाटा संस के मानद अध्यक्ष थे, जो कि होल्डिंग कंपनी है जो टाटा समूह को नियंत्रित करती है.
वर्ष 1991 में जेआरडी टाटा द्वारा अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किए जाने के बाद उन्होंने टाटा संस के अध्यक्ष का पद संभाला था.
2012 में जब साइरस मिस्त्री चेयरमैन बने तो टाटा ने पद छोड़ दिया था, लेकिन 2016 में जब बोर्ड ने मिस्त्री को हटा दिया तो वे अंतरिम चेयरमैन के रूप में वापस आ गए. मिस्त्री की 2022 में एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
2017 में चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन बने थे.
टाटा को 2000 में तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उसके बाद 2008 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.