नई दिल्ली: जातिगत जनगणना का विषय बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियों में है. चुनावी रैलियों से लेकर देश की संसद तक में इस मुद्दे की गूंज सुनाई दी है. विपक्ष के साथ-साथ अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दल भी इसे लेकर अपने विचार खुलकर सामने रख रहे हैं. हाल ही में एक साक्षात्कार में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का इस संबंध में एक बयान सामने आया है.
इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना जरूर होनी चाहिए, इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और देश में आर्थिक असमानता को कम करने के लिए उस भावना का सम्मान किया जाना चाहिए.
एक समय नायडू के करीबी रहे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने और किसी राजनीतिक दल के सबसे बड़े नेता को जेल में डालने से उस पार्टी के भविष्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में नायडू बोले, ‘मैं उस मामले पर विशेष रूप से टिप्पणी नहीं करना चाहता.‘ उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसी जोर-आजमाइश होती ही है, लेकिन अंतिम फैसला जनती ही करती है. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या जांच एजेंसियों की कार्रवाई लोगों की सोच को दर्शाती है? अगर नहीं, तो यह क्या इशारा करता है?’ उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हमें इस तरह काम करना होगा कि कोई भी एजेंसी या व्यक्ति अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल न कर सके.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि जाति आधारित जनगणना होना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘हां, यह होनी ही चाहिए. इसको लेकर एक भावना है, और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. आप जातिगत जनगणना करें, आर्थिक विश्लेषण करें और कौशल जनगणना करें. इस पर काम करें कि कैसे इन सभी चीजों को तैयार किया जाए और आर्थिक असमानता को कम किया जाए.’
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसकी केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के विरोध में रहे हैं. इस लिहाज से नायडू का जातिगत जनगणना के समर्थन में खड़ा होना एनडीए और भाजपा की नीतियों के खिलाफ जाता दिखाई देता है, जो कि केंद्र में सरकार चलाने के लिए नायडू की पार्टी तेदेपा के समर्थन पर निर्भर हैं.
बहरहाल, भाजपा और तेदेपा के बीच आरक्षण को लेकर भी वैचारिक मतभेद रहे हैं, जहां भाजपा धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ है तो वहीं नायडू के आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाता है. इन मतभेदों के बावजूद गठबंधन में दोनों दलों के बीच सामंजस्य बनाने के सवाल पर नायडू ने कहा, ‘एक परिवार में भी दो भाई हमेशा एक जैसे नहीं होते… हमारे बीच वैचारिक मतभेद होंगे, लेकिन हम साथ मिलकर काम करेंगे. यह बहुत आसान है. मेरी पार्टी एक क्षेत्रीय दल है, और उनकी पार्टी एक राष्ट्रीय दल. हम दोनों की अपनी मजबूरियां हैं. लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम राष्ट्र के लिए कैसे काम करते हैं. राष्ट्र निर्माण और देश के लोगों को लाभ पहुंचाना ही वास्तव में मायने रखता है.’