दिल्ली: पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आतिशी को सरकारी आवास ख़ाली करने के लिए कहा

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस सरकारी आवास में रहते थे, मौजूदा सीएम आतिशी भी वहीं रहने पहुंच गई थीं. उनके पहुंचने के दो ही दिनों बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने दावा किया कि उनके पास इस बंगले से संबंधित आधिकारिक आवंटन पत्र नहीं था, इसलिए उनसे घर की चाबियां लेकर इसे सील कर दिया गया है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (फोटो साभार: X/@AtishiAAP)

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जो बंगला अपने आधिकारिक आवास के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, उसमें वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी के शिफ्ट होने के दो ही दिनों बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने उनसे परिसर खाली करने को कहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने दावा किया है कि केजरीवाल द्वारा घर खाली करने के बाद आतिशी के पास घर की चाबियां तो थीं, लेकिन उनके पास आधिकारिक आवंटन पत्र नहीं था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की एक टीम बुधवार को सुबह करीब 11 बजे 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित उनके बंगले पर पहुंची और दोपहर तक उनसे घर की चाबियां ले लीं.

अधिकारियों ने बताया कि घर को सील कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री को अपना घर खाली करने को कहा गया है. उपराज्यपाल (एलजी) ने भाजपा के इशारे पर सीएम आतिशी का सामान जबरन हटवाया है. एलजी की ओर से सीएम आवास को भाजपा के किसी बड़े नेता को आवंटित करने की तैयारी चल रही है. 27 साल से दिल्ली में वनवास काट रही भाजपा अब सीएम आवास पर कब्जा करना चाहती है.’

सतर्कता निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि, ‘6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इमारत को कभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है.’

सतर्कता विभाग ने केजरीवाल द्वारा संपत्ति खाली करने के बाद पीडब्ल्यूडी को घर की चाबियां नहीं सौंपने के लिए तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इन अधिकारियों में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान सीएमओ में तैनात दो अनुभाग अधिकारी शामिल हैं.

इसमें कहा गया है, ‘6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित उक्त संरचना/भवन को कभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है… यह मामला सीपीडब्ल्यूडी, सीबीआई और सतर्कता निदेशालय द्वारा जांच के अधीन है और यह मामला कथित रूप से विध्वंस/बदलाव, नए बंगले के निर्माण/विस्तार में की गई अनियमितताओं के विभिन्न पहलुओं के कारण अंतिम रूप नहीं ले पाया है.’

नोटिस में पिछले साल 2020-21 में बंगले के पुनर्निर्माण में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद का जिक्र किया गया है.

आरोपों के बाद सतर्कता विभाग ने एक जांच शुरू की और 10 पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही और निलंबन का सामना करना पड़ा. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी मामले की जांच कर रहा है.

नोटिस के अनुसार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव रामचंद्र एम. ने 4 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि बंगला आतिशी को आवंटित किया जाए. केजरीवाल ने अपने अनुभाग अधिकारी को आवास खाली करने और पीडब्ल्यूडी को चाबियां सौंपने से संबंधित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने का काम सौंपा था.

नोटिस में कहा गया है, ‘उक्त बंगले के निर्माण में की गई अनियमितताओं का मुद्दा अभी भी जांच के दायरे में है और संबंधित अधिकारियों को उक्त इमारत और उसके अंदर मौजूद विभिन्न वस्तुओं की सूची बनानी पड़ सकती है… पीडब्ल्यूडी ने इस संबंध में विशेष सचिव को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने निर्देशों के बावजूद चाबियां नहीं सौंपी हैं.’

खबरों के अनुसार, मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय को भी बंद कर दिया गया है और कर्मचारियों को परिसर छोड़ने को कहा गया है.

इसी बीच, आप नेता संजय सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक निर्वाचित महिला मुख्यमंत्री का सामान भाजपा के उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री आवास से फिकवा दिया गया.

उन्होंने कहा, ‘पीडब्ल्यूडी विभाग ने रविवार को ही मुख्यमंत्री आवास की चाबी दे दी थी, तो फिर एलजी ने किस आधार पर सीएम आतिशी का सामान बाहर फिकवा दिया? भाजपा दिल्ली में 27 साल से वनवास झेल रही है और अब वह मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करना चाहती है. दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जनादेश दिया है और यह कृत्य दिल्ली की जनता का अपमान है.’