नई दिल्ली: अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के आठवें दिन पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके साथियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. दिल्ली पहुंचने के बाद सोनम और उनके साथियों के साथ ऐसा दूसरी बार हुआ है. घटना रविवार (13 अक्टूबर) की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, लद्दाख भवन के बाहर अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारियों (जिनकी संख्या 20 से 25 बताई जा रही है) को पुलिस मंदिर मार्ग थाना ले गई है.
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ‘प्रदर्शनकारियों को लद्दाख भवन के बाहर बैठने की कोई अनुमति नहीं है.’
अधिकारी ने कहा है, ‘उन्होंने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए अर्जी दी है. उनकी अर्जी पर विचार किया जा रहा है. उन्हें किसी और स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.’
बता दें कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक और उनके समर्थक एक महीने की पद यात्रा कर पिछले माह के अंत में दिल्ली पहुंचे थे. योजना के मुताबिक सोनम वांगचुक का काफिला गांधी जयंती को राजघाट पहुंचता, उससे पहले ही 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने सभी पद यात्रियों को हिरासत में ले लिया और दो अक्टूबर की रात को रिहा किया.
ज्ञात हो कि संविधान की छठी अनुसूची में पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए प्रावधान शामिल हैं. यह स्वायत्त परिषदों की स्थापना करता है, जिनके पास इन क्षेत्रों पर स्वतंत्र रूप से शासन करने के लिए विधायी, न्यायिक, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां होती हैं.
सोनम वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की भी मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनके राज्य लद्दाख को राज्य का दर्जा मिले, जो अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू–कश्मीर से अलग होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश है.
इसके अलावा, प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग और लेह एवं करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं.