झारखंड: एनडीए के सीट बंटवारे के ऐलान के बाद गठबंधन के दो वरिष्ठ नेता झामुमो में शामिल हुए

शुक्रवार को आगामी झारखंड विधानसभा के लिए एनडीए के सीट बंटवारे में कुल 81 सीटों पर भाजपा के 68, आजसू के 10, जदयू के दो और लोजपा के एक सीट पर लड़ने की घोषणा हुई थी. इसके बाद भाजपा के तीन बार के विधायक केदार हाजरा और आजसू के उमाकांत रजक झामुमो में शामिल हो गए.

(प्रतीकात्मक फोटो: इस्मत आरा/द वायर)

नई दिल्ली: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सीट बंटवारे की घोषणा के ठीक बाद बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के दो वरिष्ठ नेता अपनी पार्टी से इस्तीफा देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल हो गए हैं.

द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, शुक्रवार (18 अक्टूबर) की दोपहर भारतीय जनता पार्टी के झारखंड चुनाव प्रभारी, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा शर्मा ने रांची में सीट बंटवारे की घोषणा की.

इसके अनुसार, भाजपा 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

रांची के भाजपा राज्य मुख्यालय में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.

वहीं, हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया, ‘हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचे हैं कि आजसू 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जदयू दो सीटों पर और एलजेपी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. बाकी सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ेगी. आजसू सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, जुगसलाई (एससी), इचागढ़, लोहरदगा (एसटी), पाकुड़, मनोहरपुर (एसटी), मांडू और डुमरी से चुनाव लड़ेगी. जदयू जमशेदपुर पश्चिम और तमाड़ (एसटी) से चुनाव लड़ेगी जबकि एलजेपी (आर) चतरा (एससी) से चुनाव लड़ेगी.’

हालांकि, शर्मा ने आगे ये भी कहा कि एनडीए के घटक दलों के उम्मीदवारों की घोषणा और ‘इंडिया’ ब्लॉक के सीट बंटवारे के बाद जमीनी स्थिति का आकलन करते हुए इन सीटों में एक या दो बदलाव हो सकते हैं.

भाजपा की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही झामुमो के केंद्रीय महासचिव और पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाताओं को बताया कि जमुआ (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के तीन बार के विधायक केदार हाजरा और आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री उमाकांत रजक झामुमो में शामिल हो गए हैं.

इस संबंध में उमाकांत रजक ने कहा कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि पार्टी ने उन्हें चंदनकियारी निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं दिया, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा के अमर कुमार बाउरी कर रहे हैं.

भाजपा के सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया कि इस साल की शुरुआत में कांग्रेस नेता मंजू सिंह के भाजपा में शामिल होने के साथ ही केदार हाजरा को टिकट कटने की भनक लग गई थी और वह पिछले कुछ महीनों से झामुमो के साथ बातचीत कर रहे थे.

मालूम हो कि 2019 के चुनाव में मंजू सिंह जमुआ में दूसरे स्थान पर रही थीं.

झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह एक ख़राब गठबंधन है, जो समाज को लूटने, बांटने, समाज में जहर घोलने और जाति-धर्म संघर्ष पैदा करने पर आमादा है.’

आजसू, जदयू और एलजेपी पर तंज कसते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘जो पार्टी 2019 में गांव की सरकार बनाने निकली थी, वो अब सरकार बदलने के लिए 10 सीटों पर अटक गई है. अब ये नहीं पता कि वे सरकार बदलने के लिए 10 में से एक भी सीट जीत पाएंगे या नहीं. एक पार्टी जिसका समर्थन केंद्र के लिए महत्वपूर्ण है, वह दो सीटों पर सिमट गई है. वहीं, एक केंद्रीय मंत्री एक सीट के लिए गुहार लगा रहे हैं.’

सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि झारखंड में यह गठजोड़ नहीं चलेगा. भाजपा दोहरे अंक तक नहीं पहुंच पाएगी. उन्होंने ये भी बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से सीट बंटवारे की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

गौरतलब है कि राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होना है. पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर और दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को होगा.