नई दिल्ली: जनता दल (सेकुलर) के पूर्व विधायक देवानंद चौहान की पत्नी सुनीता चौहान ने केंद्रीय मंत्री और हुबली-धारवाड़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के बड़े भाई गोपाल जोशी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु के बसवेश्वर नगर पुलिस थाने में दर्ज सुनीता की शिकायत में कहा गया है कि गोपाल जोशी ने उनके पति को विजयपुरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा का टिकट दिलाने के नाम पर 1.75 रुपये करोड़ लिए थे.
इसे लेकर दर्ज एफआईआर में गोपाल जोशी, उनकी बहन विजयलक्ष्मी जोशी और गोपाल के बेटे अजय जोशी का नाम शामिल है.
पुलिस ने बीएनएस धारा 318 (धोखाधड़ी), 130 (हमला), 32 (जान से मारने की धमकी), और 79 (दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ अत्याचार की रोकथाम) के तहत मामले दर्ज किए हैं.
इस संबंध में डीसीपी बेंगलुरु (पश्चिम) एस. गिरीश ने अखबार को बताया, ‘सुनीता ने गोपाल जोशी पर बड़ी रकम के बदले उनके पति को भाजपा का टिकट दिलाने में मदद करने का वादा करने का आरोप लगाया है. उनके अनुसार, वादा पूरा करने में विफल रहने के बाद जब उन्होंने ये रकम वापस मांगी तो गोपाल ने अपनी बहन विजयलक्ष्मी और बेटे अजय के साथ मिलकर कथित तौर पर हिंसा और जाति-आधारित दुर्व्यवहार किया.
साउथ फर्स्ट के अनुसार, सुनीता का कहना है कि गोपाल उन्हें उनके पति को हुबली स्थित प्रह्लाद जोशी के दफ़्तर ले गए और कहा, ‘मेरे भाई के दफ़्तर में बैठकर बात करते हैं. अभी मेरे भाई का केंद्र सरकार में बहुत प्रभाव है. मोदी और अमित शाह उनकी बात सुनते हैं.’
सुनीता ने संवाददाताओं को बताया कि गोपाल जोशी ने दो किस्तों में पैसे लिए थे, जिसमें शुरुआती 25 लाख रुपये की अग्रिम राशि (एडवांस) भी शामिल थी.
उन्होंने कहा, ‘मंत्री के पद के कारण मैंने उन पर भरोसा किया और इसीलिए मैंने उन्हें पैसे दे दिए.’ उनका दावा है कि जब भाजपा से टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्हें धमकी दी गई और पीटा गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ जातिगत दुर्व्यवहार किया गया, क्योंकि वह लमनी समुदाय से हैं, जो पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आता है.
मालूम हो कि देवानंद चौहान ने 2018 में विजयपुरा जिले के नागथाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीते थे. वे 2023 के चुनाव में हार गए थे. उन्हें भाजपा की टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद की थी, जिसके कारण उक्त वित्तीय लेनदेन हुआ था.
साउथ फर्स्ट के मुताबिक, सुनीता ने यह भी आरोप लगाया है कि गोपाल जोशी ने उनसे कहा था कि ये रिश्वत के पैसे उनके लिए नहीं बल्कि टिकट के बदले केंद्रीय मंत्री अमित शाह के लिए हैं. सुनीता ने कहा, ‘उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि टिकट कंफर्म हो गया है और हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने अमित शाह के निजी सचिव को पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने बचे हुए पैसों के लिए जमानती चेक ले लिया.’
सुनीता ने बताया कि इन सभी आश्वासनों के बावजूद गोपाल जोशी उनके पति के लिए लोकसभा चुनाव में भाजपा का टिकट हासिल करने में विफल रहे, जिसके बाद इन लोगों ने पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्हें परेशान किया गया, धमकियां दी गईं.
सुनीता का कहना है कि गोपाल के बेटे अजय ने उन्हें पैसे वापस करने का आश्वासन दिया था, लेकिन विजयलक्ष्मी ने गुंडों की मदद से उन्हें धमकाया और जातिवादी टिप्पणियां भी कीं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा- गोपाल जोशी से संबंध नहीं
एफआईआर की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि गोपाल जोशी से वे कानूनी रूप से एक पारिवारिक सदस्य के तौर पर अलग हो चुके हैं और अब उनका गोपाल जोशी के साथ कोई व्यक्तिगत या पेशेवर संबंध नहीं है.
प्रहलाद जोशी ने कहा, ‘जहां तक भाजपा के सिद्धांतों और मेरे अनुशासन का सवाल है, मैं बहुत स्पष्ट हूं. मैंने सार्वजनिक रूप से एक विज्ञापन भी दिया था कि जो कोई भी मेरा परिवार होने का दावा करता है, उस पर विश्वास न करें. हम पारिवारिक समारोहों में मिले होंगे, लेकिन ऐसा होना स्वाभाविक है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अब एफआईआर दर्ज हो गई है, मैं हलफनामे और पारिवारिक दस्तावेज़ की प्रासंगिक प्रति और संबंधित विज्ञापन की प्रति दूंगा. जांच होने दीजिए, कानून को अपना काम करने दीजिए और मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं करूंगा.’