नई दिल्लीः खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के कथित मास्टरमाइंड और पूर्व सरकारी अधिकारी विकास यादव को दिल्ली पुलिस ने पिछले दिसंबर में जबरन वसूली और अपहरण जैसे मामलों में गिरफ्तार किया था. यह गिरफ़्तारी अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा उनके खिलाफ़ अभियोग दायर करने के तीन सप्ताह के भीतर हो गई थी. इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली पुलिस के हवाले से यह दावा किया है.
अखबार ने बताया कि यादव को हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. चार महीने तिहाड़ जेल में रखने के बाद अप्रैल 2024 में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
29 नवंबर, 2023 के अमेरिकी अभियोग में यादव का नाम नहीं था, उन्हें ‘सीसी 1’ के रूप में इंगित किया गया था. 17 अक्टूबर, 2024 को जारी दूसरे अभियोग ने ‘सीसी 1’ की पहचान को उजागर किया और बताया कि वह कैबिनेट सचिवालय में नियुक्त थे.
विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि यादव, जिन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भेजा गया था, अब सरकारी अधिकारी नहीं हैं. हालांकि उन्होंने कब इस्तीफा दिया या उन्हें बर्खास्त किया गया, इसकी कोई तारीख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है.
यादव पर अमेरिका द्वारा सुपारी देकर हत्या कराने, सुपारी देकर हत्या की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है. वह संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) द्वारा वांछित हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 18 दिसंबर, 2023 को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने यादव को रोहिणी के रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया था. एफआईआर में उन पर जबरन वसूली, अपहरण तथा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था.
दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले का प्रभाव यह होगा कि यादव के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अनुरोध को इस प्रकरण पर अंतिम फैसला आने तक रोक दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में वर्षों लग सकते हैं.
रोहिणी निवासी की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि यादव एक आईटी कंपनी चलाते थे और उन्होंने रोहिणी निवासी व्यक्ति को बताया था कि वह ‘गुप्त एजेंट’ थे, जो एक केंद्रीय एजेंसी के लिए एक संवेदनशील ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे. शिकायतकर्ता का आरोप है कि यादव उसे जबरन एक फ्लैट में ले गए, जहां उसे अपनी सोने की चेन, अंगूठियां और कैश देने के लिए मजबूर किया.
एक ओर जहां यादव के खिलाफ दिल्ली पुलिस की शिकायत में उनके और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के बीच संबंधों का आरोप लगाया गया है, वहीं कनाडाई पुलिस ने भारत सरकार पर कनाडा में सिखों को निशाना बनाने का काम लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आउटसोर्स करने का आरोप लगाया है. बिश्नोई फिलहाल गुजरात की जेल में बंद है लेकिन कथित तौर पर वह वहीं से अपना अभियान चला रहा है. अमेरिकी अभियोग में भी कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर यादव और गुप्ता के बीच बातचीत का आरोप है.
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडाई अधिकारियों ने भारत सरकार को बताया है कि 14 अक्टूबर को कनाडा से बाहर भेजे गए ‘भारतीय राजनयिकों के बीच बातचीत और संदेशों’ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी का संदर्भ शामिल है, जिन्होंने कनाडा में सिख अलगाववादियों पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले मिशनों और हमलों को अधिकृत किया है.
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस सीधे शाह के नियंत्रण में है.
The arrest, prosecution and subsequent bail of our man Vikash Yadav in the “extortion/kidnapping ” case that the delhi police lodged against him possibly after the US red flagged his involvement in the Pannun case is too funny. 😆 😝
1. He allegedly extorts & kidnaps a Rohini…
— sanjoy ghose (@advsanjoy) October 19, 2024
भारत में आपराधिक कानून प्रवर्तन प्रणाली के कामकाज से परिचित वकीलों ने इस मामले पर संदेह व्यक्त किया है, जिसके तहत यादव को गिरफ्तार किया गया है.