नई दिल्ली: हरियाणा के चरखी दादरी के बाढड़ा इलाके में बीते 27 अगस्त को गोमांस खाने के शक में 26 वर्षीय कबाड़ बीनने वाले शख्स की कथित गोरक्षकों द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में हरियाणा पुलिस को मिली फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दरअसल, जिस मांस के शक में ये हत्या की गई थी, वो गोमांस था ही नहीं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस संबंध में बाढड़ा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) भारत भूषण ने बताया कि साबिर मलिक और उनके सहयोगी असीरुद्दीन को 27 अगस्त को गोरक्षकों के एक समूह ने इस संदेह पर पीटा था कि उन्होंने गोमांस खाया है. इस हमले में लगी चोटों के कारण मलिक की मौत हो गई थी.
भारत भूषण ने आगे कहा कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने हंसावास गांव, जहां मृतक का परिवार रहता था, की झुग्गियों से मांस जब्त किया था और इसे पुष्टि करने के लिए फरीदाबाद प्रयोगशाला में भेज दिया गया था. अब पुलिस तो इसकी रिपोर्ट मिली है, जिसमें पुष्टि हुई है कि वहां कोई गोमांस नहीं था और गोरक्षकों द्वारा लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
डीएसपी ने आगे बताया कि इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और छह लोग अभी भी फरार हैं. उन्होंने कहा, ‘जल्द ही, हम अदालत में आरोपपत्र दाखिल करेंगे और लैब रिपोर्ट भी संलग्न करेंगे.’
मालूम हो कि हंसावास खुर्द गांव में मृतक साबिर मलिक अपनी पत्नी शकीना मलिक और दो साल की बेटी के साथ रहते थे. इस हमले के बाद मलिक का परिवार और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के दो अन्य परिवार अपने पैतृक गांव लौट गए हैं.
साबिर दक्षिण 24-परगना के जिबंतला का रहने वाला था. वह पिछले तीन सालों से अपनी पत्नी के साथ हरियाणा के बधरा में रह रहा था और कबाड़ बीनने का काम कर रहा था.
मलिक के बहनोई सुजाउद्दीन सरकार ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा कि 27 अगस्त की दोपहर तीन लोग उनकी झुग्गियों में आए और साबिर को साथ आने के लिए कहा.
उन्होंने आगे बताया, ‘उन लोगों ने बड़हरा बस स्टैंड के पास मलिक के साथ मारपीट की और बाद में उसे दूसरी जगह ले गए. इससे पहले दिन में पुलिस ने मुझे और मेरे पिता को बड़हरा थाने बुलाया था और हमने उन्हें बताया था कि हमने गोमांस नहीं खाया है. तभी मेरी बहन ने मुझे फोन किया और बताया कि साबिर वापस नहीं आया है. हमने पुलिस को सूचित किया और मेरे बहनोई उसी शाम मृत पाए गए.’
गौरतलब है कि इस घटना के कुछ दिनों बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस घटना की निंदा की थी, लेकिन गोरक्षा पर लोगों के रुख का बचाव किया था. सीएम सैनी ने 31 अगस्त को एक बयान में कहा था, ‘मॉब लिंचिंग सही नहीं है, लेकिन जब ऐसी घटनाएं (गोमांस खाने की) सामने आती हैं, तो गांवों के लोग प्रतिक्रिया देते हैं.’
उन्होंने आगे कहा था कि गो संरक्षण के लिए विधानसभा में एक सख्त कानून बनाया गया है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. अगर ऐसी स्थिति पैदा करने वाले लोग यह समझ लें कि गांवों में लोगों के मन में गाय के प्रति कितनी श्रद्धा है, तो वे समझ जाएंगे.
उन्होने यह भी जोड़ा था कि गाय का सम्मान करने वाले ग्रामीणों को ऐसी हरकतें करने से कौन रोक सकता है.