नई दिल्ली: पुलिस हिरासत के दौरान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लिए जाने के मामले में पंजाब पुलिस ने उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के दो अधिकारियों समेत सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विशेष पुलिस महानिदेशक (मानवाधिकार) के नेतृत्व में पंजाब पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया कि बिश्नोई का एक साक्षात्कार उस समय लिया गया था, जब वह मोहाली के खरड़ में पंजाब पुलिस की हिरासत में था और दूसरा साक्षात्कार राजस्थान में लिया गया था.
एसआईटी ने इन सातों कर्मियों को कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने का दोषी पाया, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है.
पंजाब के गृह सचिव द्वारा शुक्रवार (25 अक्टूबर) को जारी आदेश के अनुसार, डीएसपी गुरशेर सिंह संधू, डीएसपी समर वनीत, सब-इंस्पेक्टर रीना (सीआईए खरड़), सब-इंस्पेक्टर जगतपाल जांगू, सब-इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मुख्तियार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश को निलंबित कर दिया गया है.
आदेश में कहा गया है, ‘मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उपरोक्त सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.’
एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गृह सचिव के आदेश में कहा गया है कि एक निजी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित बिश्नोई का साक्षात्कार तीन और चार सितंबर 2022 की मध्यरात्रि को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लिया गया था.
पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने बिश्नोई के दो साक्षात्कार प्रसारित किए थे. पहला साक्षात्कार सीआईए (अपराध जांच एजेंसी) स्टाफ, खरड़ के परिसर में लिया गया था, जो मोहाली के एसएएस नगर अधिकार क्षेत्र में आता है. जबकि, दूसरा साक्षात्कार उस समय लिया गया जब बिश्नोई जयपुर के केंद्रीय कारागृह में था.
एसआईटी ने जेल परिसर में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित एक मामले में जुलाई में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
गौरतलब है कि बिश्नोई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले के आरोपियों में शामिल है. बिश्नोई का नाम बीते सालों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़ा है.
कौन है लॉरेंस बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम सतविंदर सिंह है. पंजाब के फिरोजपुर जिले के धत्तरांवाली गांव निवासी 31 वर्षीय लॉरेंस के पिता हरियाणा पुलिस में थे, लेकिन पांच वर्ष की नौकरी के बाद ही उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी और किसानी करने लगे थे.
लॉरेंस बिश्नोई, जिस समुदाय से ताल्लुक़ रखते हैं, वह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में बसा हुआ है.
12वीं तक की पढ़ाई के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए बिश्नोई साल 2010 में चंडीगढ़ चला गया. डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया. वहीं वह छात्र राजनीति में सक्रिय हुआ और उसकी मुलाक़ात गोल्डी बराड़ से हुई.
गोल्डी बराड़ अब एक कुख्यात गैंगस्टर है. उसका नाम कई संगीन अपराधों, जैसे हत्या, अपहरण, और जबरन वसूली में आया है. बराड़ का नाम प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से भी जुड़ा है. वर्तमान में बराड़ कनाडा में रहता है.
साल 2011 और 2012 के बीच बिश्नोई पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (एसओपीयू) का अध्यक्ष रहा.
छात्र राजनीति करते हुए ही लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ हत्या के प्रयास का पहला एफआईआर दर्ज हुआ. अब बिश्नोई पर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के दो दर्जन मामले दर्ज हैं.
वर्तमान में वह अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है. 30 अगस्त, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिश्नोई पर सीआरपीसी की धारा 268 (1) लगा दी थी, यह धारा सरकार को हाई–प्रोफाइल कैदियों की आवाजाही पर रोक लगाने की शक्ति देता है. पहले यह अगस्त 2024 तक प्रभावी था, लेकिन अब कथित तौर पर इसे बढ़ा दिया गया है.
कई बड़े मामलों की जिम्मेदारी ले चुका है गैंग
कहा जा रहा है कि वह जेल के अंदर से ही अपने गिरोह का संचालन कर रहा है. माना जाता है कि बिश्नोई के अन्य सहयोगी कनाडा और अमेरिका में फैले हुए हैं. कथित तौर पर कनाडा से इस गैंग को गोल्डी बराड़ भी चलाता है. बिश्नोई गैंग में क़रीब 700 सदस्य बताए जाते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि हाल ही में इस गैंग ने ने कथित तौर पर दिल्ली स्थित एक अफगान नागरिक को निशाना बनाया था.
इससे पहले, बिश्नोई गैंग को दिल्ली में एक जिम मालिक की हत्या में शामिल बताया गया था. लॉरेंस बिश्नोई शायद सबसे बदनाम तब हुआ जब 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई. तब गैंग के सदस्य गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी. गोल्डी बराड़ को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है.