नई दिल्ली: ठंड की दस्तक के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर बिगड़ती जा रही है. यह समस्या न केवल शहर के निवासियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि इसके दूरगामी पर्यावरणीय प्रभाव भी हैं.
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, रविवार (27 अक्टूबर) को नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 352 दर्ज किया गया. एक्यूआई का यह स्तर ‘बेहद ख़राब’ की श्रेणी में आता है.
आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 400 को पार कर गया. इस इलाके में सुबह 7 बजे एक्यूआई 405 तक पहुंच गया था. जबकि शनिवार को आनंद विहार में 367 दर्ज किया गया था. एक्यूआई का 400 पार जाना ‘गंभीर‘ श्रेणी में आता है.
शहर के अन्य क्षेत्रों की हालत भी चिंताजनक है. अक्षरधाम मंदिर के इलाके में एक्यूआई बिगड़कर 261 हो गया, जबकि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक्यूआई 324 दर्ज किया गया, यह दोनों स्तर ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आते हैं. शहर के कुछ इलाकों में धुंध की मोटी परत देखी गई.
बिगड़ती हवा से शहर बेहाल
मीडिया रिपोर्ट से पता चल रहा है कि ख़राब हवा के कारण दिल्ली आने वाले पर्यटकों को मुश्किल हो रही है. सुबह टहलने वालों और साइकिल चलाने वालों का कहना है कि वो ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं. प्रदूषण के कारण जल्दी थक जा रहे हैं.
लोग सावधानी बरतते हुए चेहरे पर मास्क लगा रहे हैं, रुमाल बांध रहे हैं. हालांकि, लोगों का मानना है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण कुछ भी कारगर नहीं लग रहा हैं.
क्यों घुट रहा है दिल्ली का दम?
दिल्ली में भारी संख्या में वाहन हैं, जो वायु में हानिकारक गैसों का प्रमुख स्रोत हैं. इसके अलावा शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से धूल और अन्य प्रदूषक हवा में मिल जाते हैं. इन सबसे से ऊपर उद्योगों से निकलने वाला धुआं है, जो दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बदतर बना रहा है.
वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी समस्याओं, अस्थमा, और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. एक सर्वेक्षण में यह सामने आया था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से प्रति वर्ष लगभग 12,000 लोगों की मौत हो रही है.
वायु प्रदूषण के कारण लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ–साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रह रहा है.
प्रदूषण पर राजनीति
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आप (आम आदमी पार्टी) सरकार की आलोचना करते हुए कहा है, ‘दिल्ली में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर है. 2015 से अरविंद केजरीवाल कहते आ रहे हैं कि वे यमुना में डुबकी लगाएंगे, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है क्योंकि नदी गंदी है और प्रदूषण के कारण स्थिति भयावह है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अरविंद केजरीवाल अपने बड़े बंगलों और होटलों में 40 एयर प्यूरीफायर लगा सकते हैं, लेकिन झुग्गी–झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति का क्या? उन गरीबों का क्या जो एयर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकते? अरविंद केजरीवाल को यह बात समझ में नहीं आएगी क्योंकि वे केवल एक खास व्यक्ति की पार्टी बन गए हैं, उनका काम आबकारी घोटाला करके पैसा कमाना है, जनता की सेवा करना नहीं.’
बता दें कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 1 जनवरी तक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
भाजपा की तरफ़ से हो रही आलोचना पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुझाव दिया है कि सभी दलों को सहयोग करना चाहिए. गोपाल राय ने कहा है, ‘मेरा मानना है कि सभी सरकारों और दलों को एक साथ काम करने की जरूरत है. जब मैं शीतकालीन कार्य योजना तैयार कर रहा था, तो मैंने भाजपा अध्यक्ष को लिखा था, लेकिन मुझे अभी तक कोई प्रतिक्रिया या सुझाव नहीं मिला है.’