नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांंग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने टिकट न मिलने को लेकर सोमवार (28 अक्टूबर) को पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, झारखंड भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र रे ने राज्य में पार्टी के सह-प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की उपस्थिति में मानस सिन्हा को पार्टी में शामिल किया.
मानस सिन्हा ने कहा कि उन्होंने 27 साल तक कांग्रेस को खून-पसीना बहाया और आंसू बहाए, लेकिन अब उन्हें यकीन हो गया है कि कांग्रेस में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान नहीं है.
मानस सिन्हा ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर भाजपा में शामिल हो रहा हूं. मैं बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो रहा हूं.’
सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर मानस सिन्हा ने लिखा, ‘जब परिस्थितियों को बदलना संभव ना हो, तो स्वयं को बदल लेना उचित होता है.’
इस अवसर पर हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि वह 22 साल से कांग्रेस के साथ हैं और पार्टी की स्थिति से वाकिफ हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘अब हम पार्टी (भाजपा) की जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.’
मालूम हो मानस सिन्हा गढ़वा जिले की भवनाथपुर सीट से कांग्रेस की टिकट के दावेदार थे. हालांकि, इंडिया गठबंधन के तहत ये सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हिस्से चली गई, जिसके चलते सिन्हा पार्टी से नाराज़ चल रहे थे.
दरअसल, भवनाथपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है और पार्टी ने सात बार इस सीट पर जीत हासिल की है. 2019 में भाजपा में शामिल हुए भानु प्रताप शाही इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह पूर्व कांग्रेस विधायक अनंत प्रताप देव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो अब झामुमो में हैं.
गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए दो चरणों 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे. 2019 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने 47 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी.
हालांकि, इस बार भाजपा को उम्मीद है कि पार्टी को हरियाणा में मिली जीत झारखंड में भी बरकरार रहेगी.
ज्ञात हो कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में सर्वाधिक आठ सीटें जीती थी. झामुमो को तीन और सहयोगी कांग्रेस को दो लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. एक लोकसभा सीट पर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने जीत हासिल की थी.