बंगाल: अमित शाह ने फिर ‘बांग्लादेशी घुसपैठ’ का मुद्दा उठाया, कहा- सरकार बनी तो घुसपैठ रोकेंगे

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेशी प्रवासियों की तुलना ‘दीमक’ से की थी. अब उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी सरकार घुसपैठियों का समर्थन करती है. 2026 में भाजपा की सरकार बनते ही घुसपैठ पूर्णतया समाप्त होगी.

बंगाल में सभा को संबोधित करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो: एक्स /@AmitShah)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में खराब प्रदर्शन के बाद राज्य के अपने पहले दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि ‘बांग्लादेश से घुसपैठ’ बंगाल में शांति को भंग कर रही है.

अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आज बंगाल की जनता को कहकर जाता हूं कि 2026 (जब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं)  में परिवर्तन कर दीजिए (भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार), इस घुसपैठ को हम पूरी तरह से रोक कर दम लेंगे और राज्य में शांति सुनिश्चित करेंगे. 

रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने कहा, ‘जब कानूनी आवाजाही (सीमा पर) की व्यवस्था न हो, तब आवाजाही अवैध रूप से होती है. और जब अवैध रूप से आवाजाही के रास्ते खुलते हैं, तब वो बंगाल और भारत की शांति को बहुत छती पहुंचाते हैं. और शांति बंगाल में तभी हो सकती है, जब ये घुसपैठ रुक जाए.’

शाह ने यह टिप्पणी रविवार (27 अक्टूबर) को बांग्लादेश सीमा से सटे एक बंदरगाह पेट्रापोल में की, जहां केंद्रीय गृह मंत्री एक नए यात्री टर्मिनल और एक कार्गो गेट का उद्घाटन करने पहुंचे थे. 

इससे पहले, पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान शाह ने बांग्लादेशी प्रवासियों की तुलना ‘दीमक’ से की थी और दावा किया था कि भाजपा राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 35 पर जीत हासिल करेगी. 

हालांकि, अपनी ध्रुवीकरणकारी राजनीति के बावजूद भी भगवा पार्टी केवल 12 सीटें ही जीत सकी, जो 2019 की उसकी 18 सीटों की संख्या से काफी कम है.

इस साल सितंबर के महीने में झारखंड में एक रैली के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों पर शाह द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद बांग्लादेश ने भारत के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया था. 

शाह ने शाहगंज में एक रैली के दौरान हेमंत सोरेन सरकार पर ‘प्रवासियों (जिन्हें वह घुसपैठिए कहते हैं) को राज्य पर कब्जा करने की अनुमति देने’ का आरोप लगाया था. 

उन्होंने कहा था, ‘घुसपैठिए लालू प्रसाद की आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल), राहुल गांधी की कांग्रेस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का वोट बैंक हैं. मैं अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने का वादा करता हूं. भ्रष्ट जेएमएम सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने का समय आ गया है, हम झारखंड को बदलना चाहते हैं.’ 

ज्ञात हो कि झारखंड में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 

भाजपा के शीर्ष नेताओं पर अक्सर चुनावों से पहले ध्रुवीकरण के लिए ‘घुसपैठ’ के मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जाता रहा है. 

2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर झारखंड के हजारीबाग में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि जेएमएम सरकार के दौरान हिंदुओं और आदिवासियों की आबादी घट रही है और ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ की संख्या बढ़ रही है.