कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हितों के टकराव के नए आरोप लगाए

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया है कि एक ‘मोनोपोली बचाओ सिंडिकेट' काम कर रहा था, जिसके तहत अडानी समूह, प्रमुख नियामक निकायों और भाजपा के बीच ‘खतरनाक सांठगांठ’ थी.

(इलस्ट्रेशन: द वायर/Canva)

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हितों के टकराव (कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) के नए आरोप लगाए हैं.  

विपक्षी पार्टी का आरोप है कि माधबी बुच ने अपनी संपत्ति इंडियाबुल्स समूह से जुड़े एक व्यक्ति की कंपनी को किराए पर दे दी, जो शेयर बाजार नियामक की जांच के दायरे में है.

मंगलवार (29 अक्टूबर, 2024) को राहुल गांधी ने दावा किया कि एकमोनोपोली बचाओ सिंडिकेटकाम कर रहा था, जिसके तहत अडानी समूह, प्रमुख नियामक निकायों और भाजपा के बीचखतरनाक सांठगांठथी.

कांग्रेस के आरोपों पर माधबी बुच या अडानी समूह की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, इससे पहले सेबी प्रमुख और अडानी समूह दोनों ने (अलगअलग) किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किया था.

देश जवाब चाहता है: जयराम रमेश

प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने पूछा है कि माधबी बुच ने अपनी संपत्ति इंडियाबुल्स से जुड़ी एक कंपनी को क्यों किराए पर दी, जो न केवल सेबी द्वारा विनियमित है, बल्कि विभिन्न मामलों में सेबी की जांच के दायरे में भी है.

विपक्षी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि माधबी बुच प्रिडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी हुई हैं, उसमें उनकी हिस्सेदारी है. उन्होंने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद भी कंपनी में शेयर रखना जारी रखा.

रमेश ने पूछा है, ‘माधबी बुच ने एक विवादित संस्था में शेयर क्यों रखे, जिसका संबंध पैराडाइज पेपर्स से है.

दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि प्रिडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करने वाली जेसेसा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड का नाम पैराडाइज पेपर्स के ऑफशोर लीक में था. जेसेसा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड, पूर्वी कैरेबियन सागर के सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस में है.

जयराम रमेश ने पूछा है, ‘सेबी करोड़ों परिवारों के हितों का संरक्षक है. लेकिन संरक्षक से सुरक्षा की क्या व्यवस्था है?’ कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि देश स्पष्ट जवाब चाहता है, टालमटोल और चुप्पी नहीं.

रीब्रांडिंग कर मुनाफा कमा रहा है अडानी डिफेंस: कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी और पवन खेड़ा की बातचीत की श्रृंखला का तीसरा वीडियो भी जारी किया है, जिसमें रायबरेली सांसद बता रहे हैं कि कैसे अडानी डिफेंस, विदेशी हथियारों कीकेवल रीब्रांडिंगकरके मुनाफा कमाती है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘अडानी डिफेंस की वेबसाइट से पता चलता है कि किस तरह कंपनी विदेशी हथियारों की रीब्रांडिंग करके मुनाफा कमा रही है. वहीं, प्रशिक्षण, पेंशन और युवा सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निर्धारित महत्वपूर्ण धनराशि को अग्निवीर जैसी योजनाओं के माध्यम से डायवर्ट किया जा रहा है.

गांधी का मानना यह विश्वासघात और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हैं. इससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ सकता है.

गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘भारत के संस्थागत ढांचे में सड़ांधमोनोपॉली बचाओ सिंडिकेटके उदय के साथ खतरनाक गहराई तक पहुंच गई है.’

पीएसी के सामने नहीं पेश हुई थीं माधबी बुच

ज्ञात हो कि व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए गुरुवार (24 अक्टूबर) को माधबी बुच लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष नहीं प्रस्तुत हुई थीं. इसके बाद 26 अक्टूबर को कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुच को पीएसी के समक्ष जवाब देने से रोक रही है.

कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने पूछा था, ‘माधबी बुच संसद की पीएसी के समक्ष सवालों का जवाब देने से क्यों कतरा रही हैं? उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने की योजना के पीछे कौन है? क्या करोड़ों छोटे-मझोले निवेशकों की मेहनत की कमाई को जोखिम में डालकर मोदी जी के प्रिय मित्र अडानी को लाभ पहुंचाने की कोई सोची-समझी साजिश है?