झारखंड: हिमंता बिस्वा के विभाजनकारी भाषणों के ख़िलाफ़ ‘इंडिया’ गठबंधन ने चुनाव आयोग को लिखा

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रभारी व असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा पत्र के चुनावी भाषणों को ‘बेहद विभाजनकारी’ और ‘घृणास्पद’ क़रार देते हुए 'इंडिया' गठबंधन ने कहा है कि यदि चुनाव आयोग अगले 24 घंटों में कार्रवाई नहीं करता, तो वे अदालत का रुख़ करेंगे. 

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झारखंड के सारथ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री (फोटो : एक्स / @himantabiswa)

नई दिल्लीः ‘इंडिया’ गठबंधन  के नेताओं ने असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा शर्मा के चुनावी भाषणों को ‘बेहद विभाजनकारी’ और ‘घृणास्पद’ बताते हुए चुनाव आयोग से उनके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं ने निर्वाचन आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए एक पत्र में कहा है कि हिमंता बिस्वा शर्मा ने 1 नवंबर को सारथ में एक चुनावी सभा के दौरान अपने भाषण में मुसलमानों पर ‘निशाना’ साधा है. 

अपने संबोधन में असम के मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कहा कि ‘वे’ (मुसलमान) एक ही पार्टी को वोट देते हैं लेकिन ‘हम’ (हिंदू) आधा इधर और आधा उधर वोट करते हैं.’ 

शनिवार (10 नवंबर) को एक संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक किए गए पत्र में शर्मा के भाषण के कुछ हिस्सों को दोहराते हुए कहा गया कि वह ‘घुसपैठियों’ जैसे जहरीले शब्दों का उपयोग करके ‘नफरत और आक्रोश की आग भड़का रहे थे.’  

पत्र में शर्मा के एक साक्षात्कार का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं पर निशाना साधा था. पत्र में कहा गया है कि अगर चुनाव आयोग अगले 24 घंटों में कार्रवाई नहीं करता है, तो वे (‘इंडिया’ ब्लॉक) अदालत का रुख करेंगे. 

पत्र में कहा गया है, ‘उन्होंने जानबूझकर एक विशेष धर्म के सभी लोगों को एक रंग में रंग दिया है, और उन सभी को घुसपैठियों के रूप में चित्रित किया है ताकि मौजूदा सामाजिक विभाजन का फायदा उठाया जा सके और राजनीतिक लाभ के लिए उस विभाजन को और गहरा किया जा सके और चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जा सके.’ 

पत्र में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया है कि ‘चुनाव आयोग किसी नेता के ऐसे कार्यों के साथ नहीं खड़ा है जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.’

घुसपैठियों के खिलाफ बोलना भड़काऊ कैसे: हिमंता

अपने खिलाफ निर्वाचन आयोग में हुई शिकायत के बाद शर्मा ने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ बोलना नफरत भड़काना नहीं है. 

उन्होंने कहा, ‘मेरे ख़िलाफ़ शिकायत क्यों? मैं क्या कह रहा हूँ? मैं घुसपैठियों के खिलाफ बोल रहा हूं, उन्हें क्यों तकलीफ हो रही है? घुसपैठियों के खिलाफ बोलना भड़काऊ कैसे हुआ ? कहां लिखा है ? किस कानून में है कि घुसपैठियों के ख़िलाफ़ बोलना गलत है ?  क्या इसका मतलब यह है कि हम घुसपैठियों के लिए अपने दरवाजे खोल दें?’ 

शर्मा ने कहा, ‘हिंदुओं के बारे में बात करने का मतलब मुसलमानों को निशाना बनाना नहीं है.’