झारखंड चुनाव: घोषणापत्र जारी करते हुए भाजपा ने दोहराया ‘घुसपैठियों’ का राग

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए बांग्लादेशी ‘घुसपैठियों’ के राज्य में आने का दावा किया. सितंबर में शाह की ऐसी टिप्पणियों के बाद बांग्लादेश ने भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया था. 

झारखंड के घाटशिला में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह (फोटोः एक्स / @AmitShah)

नई दिल्लीः झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन घुसपैठियों द्वारा कब्ज़ा किए जाने के आरोप को दोहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राज्य की सत्ता मिलने के बाद भाजपा आदिवासियों की जमीन वापिस करने के लिए एक क़ानून लाएगी. 

रविवार (3 नवंबर) को एक चुनावी रैली के दौरान झारखंड चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए शाह ने दावा किया कि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ कर रही है, घुसपैठियों का सर्वे और उन्हें निर्वासित करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी हेमंत सोरेन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

उन्होंने कहा, ‘संथाल परगना और पूरे झारखंड के अंदर आदिवासियों की आबादी घट रही है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठी झारखंड के अंदर आ रहे हैं. और ये हेमंत सोरेन की सरकार उन्हें नहीं रोक सकती है, इन्होंमने हाईकोर्ट में हलफनामा डालकर कह दिया है कि हम रोकना नहीं चाहते हैं.’ 

शाह ने कहा कि आप कमल का फूल (भाजपा का चुनाव चिह्न) की सरकार बना दो, मैं वादा करता हूं, एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकालने का काम भाजपा करेगी.  

अमित शाह ने ज़मीन के लालच में ‘घुसपैठियों’ पर आदिवासी लड़कियों से शादी करने का आरोप भी लगाया. शाह ने कहा कि आदिवासी की बेटी, आदिवासी की रोटी और आदिवासी की भूमि, तीनों को बचाने का काम भाजपा करेगी. 

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और झामुमो घुसपैठियों को नहीं रोक सकते, वो इनकी वोट बैंक हैं. और घुसपैठिए हमारी आदिवासी माताओं और बहनों को फुसलाकर उनसे शादियां करते हैं और दहेज़ में उनसे इनकी जमीनें हड़प लेते हैं. भाजपा सत्ता में आने के बाद ऐसा सख्त कानून लाएगी, जिससे आदिवासियों की ज़मीन किसी घुसपैठिए के नाम ट्रांसफर नहीं होगी. और जो घुसपैठिए हमारी आदिवासी बच्चियों की ज़मीन हड़प लिए हैं, उन्हें भी वो ज़मीन वापस करनी पड़ेगी हम ऐसा क़ानून लाएंगे.’

शाह ने कहा कि भाजपा ऐसा कानून लाएगी, जिससे महिलाओं से छीनी गई जमीन उन्हें वापस कर दी जाएगी. 

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि ‘घुसपैठिए’ झारखंड में महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं और उनकी ‘दूसरी-तीसरी बार’ शादी करवा रहे हैं. और हेमंत सोरेन सरकार कुछ नहीं कर रही है. 

बीते दिनों भी राज्य में हुई एक जनसभा में शाह ने ऐसे ही दावे किए थे. हालांकि, उनका इस तरह के बयान देना नया नहीं है. इसी साल सितंबर के महीने में झारखंड में एक रैली के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों पर शाह द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद बांग्लादेश ने भारत के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया था.

2019 में पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान शाह ने बांग्लादेशी प्रवासियों की तुलना ‘दीमक’ से की थी.

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2018 में अमित शाह ने बांग्लादेशी प्रवासियों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था, तब भी उन्होंने इन प्रवासियों को ‘दीमक’ कहा था, जिस पर बांग्लादेश में आक्रोश भी देखने को मिला था.

तब प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के तत्कालीन बांग्लादेशी सूचना मंत्री ने इस खेद व्यक्त किया था, हालांकि, उस समय भारत से कोई आधिकारिक विरोध दर्ज नहीं कराया गया था. गृह मंत्री ने अप्रैल 2019 में अवैध प्रवासियों के लिए फिर से इसी शब्द का इस्तेमाल किया था.

शाह का पेपर लीक का दावा

शाह ने अपने संबोधन के दौरान पेपर लीक का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘हेमंत सोरेन सरकार ने पेपर लीक करवाकर युवाओं को बेरोजगार करने का काम किया है. कई सारी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए, लेकिन क्या लीक करने वाले जेल में गए? आप भाजपा सरकार बना दो, पेपर लीक करने वालों को उल्टा लटका कर सीधा किया जाएगा.’

गौरतलब है कि द वायर हिंदी ने ऐसे कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं जिसमें भाजपा शासित प्रदेशों, जैसे- गुजरात और उत्तर प्रदेश से पेपर लीक के मामलों में सरकार की लापरवाही समाने आई हैं. 

इस महीने झारखंड में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. पहले चरण के लिए मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा.