श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों द्वारा एक विदेशी आतंकवादी को मार गिराए जाने के एक दिन बाद रविवार (2 नवंबर) को व्यस्त टूरिज्म रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) के पास ग्रेनेड विस्फोट में कम से कम एक दर्जन नागरिक घायल हो गए.
श्रीनगर में यह छठा हमला है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के हाल ही में शपथ लेने के बाद नागरिकों को निशाना बनाया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन जम्मू-कश्मीर के ‘सुरक्षा तंत्र’ से इन हमलों को रोकने का आग्रह किया.
अज्ञात लोगों ने दुकानदारों पर ग्रेनेड फेंका
अब्दुल्ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से घाटी के कुछ हिस्सों में हमलों और मुठभेड़ों की खबरें सुर्खियों में छाई हुई हैं. श्रीनगर के ‘रविवार बाजार’ में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड हमले की आज की खबर बेहद परेशान करने वाली है. निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता. सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द हमलों की इस लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि लोग बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें.’
ख़बरों के अनुसार, अज्ञात व्यक्तियों ने दोपहर करीब 2:15 बजे टीआरसी श्रीनगर के पास एक खेल के मैदान के बाहर ग्रेनेड फेंका, यह क्षेत्र शहर के केंद्र लाल चौक में घंटाघर से लगभग एक किलोमीटर दूर है और वहां सैकड़ों खरीदार और पर्यटक जमा थे.
रविवार को लाल चौक और इसकी मुख्य सड़कों पर साप्ताहिक बाजार लगता है, जिसमें पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी आते हैं, जो अक्सर कश्मीर के सभी हिस्सों से अपने परिवारों के साथ आते हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के कारण व्यस्त इलाके में अफरातफरी मच गई और पैदल चलने वाले लोग इधर-उधर भागने लगे, जबकि सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और विस्फोट स्थल की घेराबंदी कर दी. स्थानीय लोगों की मदद से पीड़ितों को इलाज के लिए बाहर निकाला गया.
घायलों में से कुछ की पहचान सुमैया जान, उमर फारूक, गुलाम मुहम्मद सोफी, अजान कालू, मिस्बा, हबीबुल्लाह राथर, अल्ताफ अहमद सीर, फैजल अहमद, फैजान मुश्ताक और जाहिद के रूप में की गई है.
एक अधिकारी ने बताया कि घायलों को श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल ले जाया गया है. एसएमएचएस अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तस्नीम शौकत ने द वायर को बताया, ‘घायलों में दो महिलाएं हैं. सभी की हालत स्थिर हैं.’
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था. विस्फोट स्थल से नमूने एकत्र करने के लिए फॉरेंसिक टीम भी पहुंची थी.
यह ग्रेनेड हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही कश्मीर में दो मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा के एक संदिग्ध कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था. इस कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो कर्मियों समेत चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों में से दो को मार गिराया.
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) वीके बिरदी ने शनिवार को श्रीनगर में मारे गए लश्कर कमांडर की पहचान उस्मान भाई के रूप में की. पुलिस के अनुसार, वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक इंस्पेक्टर की हत्या सहित नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों में शामिल था.
हालिया घटना पिछले महीने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद जम्मू-कश्मीर में हमलों और मुठभेड़ों की एक श्रृंखला के बाद हुई.
आतंकवादी गतिविधियां जारी, पिछले महीने 18 लोग मारे गए
बीते 1 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के दो प्रवासी मज़दूरों को बडगाम जिले के मगाम इलाके में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा गोली मारे जाने पर चोटें आईं, जो विधानसभा चुनाव के बाद गैर-स्थानीय लोगों पर पांचवां लक्षित हमला था.
जम्मू-कश्मीर में छह वर्षों से अधिक समय के बाद पहली बार निर्वाचित सरकार बनने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है तथा अकेले अक्टूबर माह में लक्षित हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 18 नागरिक, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी मारे गए हैं.
ये घटनाएं दक्षिण, मध्य और उत्तरी कश्मीर के साथ-साथ जम्मू संभाग से भी सामने आई हैं, जो केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों की व्यापक मौजूदगी का संकेत देती हैं.
29 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अखनूर जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान तीन संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया गया, जब उन्होंने नियंत्रण रेखा के पास खौर सेक्टर में सेना की एम्बुलेंस पर घात लगाकर हमला करने का असफल प्रयास किया था.
12 घंटे से अधिक समय तक चली मुठभेड़ में फैंटम नामक सेना का कुत्ता भी घायल हो गया. बाद में उसकी मौत हो गई.
24 अक्टूबर को दो सैन्य जवानों और दो नागरिक कुलियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब संदिग्ध आतंकवादियों ने उत्तर कश्मीर के स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में एक सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला किया था. यह अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमलों में से एक था. हमले में तीन अन्य सैनिक घायल हो गए थे.
इससे पहले 23 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा पुलिस जिले में उत्तर प्रदेश के एक प्रवासी मजदूर को गोली मारकर घायल कर दिया गया था. बिजनौर जिले के निवासी शुभम कुमार को मामूली चोटें आईं थीं.
20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग के पास सुरंग का निर्माण कर रही एक निर्माण कंपनी के कर्मचारियों के एक शिविर पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में सात लोग मारे गए थे, जिनमें से छह कश्मीर से बाहर के थे.
18 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के जैनापोरा गांव में आतंकवादियों ने एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी.