यूपी: पुलिस पर आरोप- ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को थूककर चाटने के लिए मजबूर किया गया

घटना रायबरेली ज़िले की है. आरोप है कि एक गांव में बिना अनुमति के हुई नौटंकी से जुड़े विवाद को लेकर पुलिस ने ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया था. इन लोगों का आरोप है कि पुलिस ने मारपीट की, थूककर चाटने को मजबूर किया और दो लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के नसीराबाद थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को थूककर चाटने के लिए मजबूर करने का आरोप सामने आया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के अनुसार, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि द्वारा अधिकारियों की अनुमति के बिना ‘नौटंकी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें ‘अराजकता पैदा करने’ पर स्थानीय पुलिस द्वारा ये कथित आदेश दिया गया.

इस संबंध में रविवार (3 नवंबर) को पुलिस अधीक्षक (रायबरेली) यशवीर सिंह ने कहा कि इस मामले के आरोपों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा की जा रही है और उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

यशवीर सिंह के एक बयान के अनुसार, नसीराबाद के कपूरपुर गांव के प्रधान के प्रतिनिधि सुशील शर्मा ने 30 अक्टूबर को बिना अनुमति के ‘नौटंकी’ कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम के दौरान शर्मा और उनके सहयोगियों ने शराब के नशे में लोगों के साथ अभद्रता की और हंगामा किया.

बयान में कहा गया है कि आरोपियों ने स्थानीय थाने की पुलिस टीम के साथ भी दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद शर्मा समेत पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया.

हालांकि, शर्मा ने पुलिस के इस दावे से इनकार करते हुए कहा है कि पुलिस टीम देर रात गांव पहुंची और उन्होंने नौटंकी कार्यक्रम बंद करने को कहा. शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें और चार अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया और स्थानीय थाने में उनके साथ मारपीट की गई. इसी दौरान उन्हें अपना थूक चाटने के लिए मजबूर किया गया.

उन्होंने नसीराबाद थाना प्रभारी (एसएचओ) शिवाकांत पांडेय पर उनसे 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है.

इस मामले को लेकर शनिवार (2 नवंबर) को छतोह ब्लाक परिसर में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के बैनर तले बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया और पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पदाधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार की रात मेला व मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कुर्सियों को लेकर दो लड़कों में कहा सुनी हो गई थी. मौके पर पहुंची डायल 112 ने दोनों को समझा बुझाकर थाने में सूचना दी. आरोप है कि आधे घंटे बाद थाने से पुलिसकर्मी आए और कार्यक्रम बंद करने की बात कहकर दर्शकों पर लाठीचार्ज कर दिया.

साथ ही प्रधान प्रतिनिधि सुनील शर्मा और ग्राम प्रधान तेजभान सुजान पुर गौरीगंज अमेठी, रज्जब अली समेत कुछ लोगों को थाने लेकर चले गए. इसके बाद थाने में सभी को मारा पीटा गया और थूककर चाटने को कहा गया. साथ ही पूरे मामले की वीडियो भी बनाई गई और पुलिस द्वारा धमकी भी दी गई कि अगर बाहर किसी को इसकी खबर हुई, तो वीडियो प्रसारित कर दिया जाएगा.

उधर, एसएचओ शिवाकांत पांडेय का कहना है कि प्रधान प्रतिनिधि द्वारा बिना अनुमति कार्यक्रम कराया जा रहा था, जहां दो युवकों के बीच विवाद हो गया था. इसे लेकर आरोपितों का शांति भंग मामले में चालान किया गया था, बाकी आरोप निराधार हैं.