नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में विभिन्न सीटों पर अपने नामित प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले 30 पार्टी नेताओं को मंगलवार (5 नवंबर) को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भाजपा के सभी बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है.
पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भाजपा की नीतियों का उल्लंघन करके अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन दाखिल करने और चुनाव लड़ने के कारण 30 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
पार्टी से निकाले गए नेताओं में चंद्रमा कुमारी (पलामू), कुमकुम देवी (हजारीबाग), जूली देवी (दुमका), बलवंत सिंह (लातेहार), अरविंद सिंह (खरसावां), बांके बिहारी (हजारीबाग), चितरंजन साव (बोकारो) और हजारी प्रसाद साहू भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरण में मतदान होगा. वहीं, मतगणना 23 नवंबर को होगी.
ज्ञात हो कि झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव साल 2019 में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में संपन्न हुए थे. इसमें कुल 65.18 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. नतीजे 23 दिसंबर 2019 को सामने आए थे, जिसमें तब की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को झटका लगा था और वह बहुमत के 41 सीटों के आंकड़े से चूक गई थी.
राज्य में सबसे ज्यादा 30 सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के खाते में गई थीं, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिली थीं. अन्य दलों में कांग्रेस को 16, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) को तीन और ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक-एक विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे.
फिलहाल, राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार है, जिसमें झामुमो, कांग्रेस, राजद, भाकपा (माले) और एनसीपी शामिल हैं. इस बार भी मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच है.
एनडीए में भाजपा और आजसू शामिल हैं, जबकि झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं.