नई दिल्लीः अमेरिका में फिर से एक बार डोनाल्ड ट्रंप की सरकार है. 6 जनवरी 2020 के बाद यह लगा था कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश में ट्रंप का राजनीतिक सूरज सदा के लिए अस्त हो चुका है. ट्रंप की हार के बाद रिपब्लिकन पार्टी के उग्र समर्थकों का कैपिटल बिल्डिंग के अंदर उत्पात मचाना अमेरिका के इतिहास के सबसे काले दिन के रूप में दर्ज हुआ. किसी ने कल्पना नहीं की थी कि ट्रंप को अब देश के सबसे बड़े पद की उम्मीदवारी का भी मौका मिलेगा.
लेकिन अमेरिका में रिपब्लिक पार्टी फिर सत्ता में आ गई है, एक बार फिर ट्रंप के हाथों देश की कमान है.
5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव हुए. जीत के लिए 270 के आंकड़े की जरूरत थी, ट्रंप को 295 सीटें मिली, वहीं डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को 226 सीटें हासिल हुई.
अमेरिका का चुनाव इस बार महत्वपूर्ण इस लहजे से था क्योंकि यह विश्व शांति की दिशा निर्धारित कर सकता है. चुनाव के नतीजे रूस-यूक्रेन, इजरायल-फिलिस्तीन सहित मध्य पूर्व के मौजूदा हालात पर प्रभाव डाल सकते हैं. ट्रंप की विजय पर आए दुनिया भर के नेताओं के संदेश यह संकेत देते हैं कि आगामी वर्षों में विश्व किस करवट जा सकता है.
ट्रंप की जीत पर किसने क्या कहा ?
ट्रंप की जीत के बाद दुनिया भर के नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ट्रंप की जीत अच्छी खबर है. पीएम मोदी ट्रंप को अपना दोस्त कहते हैं, वहीं अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति भी अक्सर पीएम मोदी की तारीफ करते हैं, और उन्हें अपना मित्र बताते हैं.
ट्रंप की जीत के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई. जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ाएंगे, मैं भारत और अमेरिका की वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे आपसी सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए उत्सुक हूं. आइए.. मिलकर हम अपने लोगों की भलाई और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम करें.’
Heartiest congratulations my friend @realDonaldTrump on your historic election victory. As you build on the successes of your previous term, I look forward to renewing our collaboration to further strengthen the India-US Comprehensive Global and Strategic Partnership. Together,… pic.twitter.com/u5hKPeJ3SY
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2024
इसके बाद पीएम मोदी ने एक और पोस्ट में यह सूचित किया कि उन्होंने फ़ोन कर के ट्रंप को जीत की बधाई दी.
मोदी ने लिखा, ‘मेरे दोस्त ट्रंप से अच्छी बात हुई, उन्हें शानदार जीत की बधाई दी. प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूं.’
ट्रंप की जीत भारत और पीएम मोदी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सीधा असर भारत की विदेश नीति पर पड़ सकता है. ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान रूस के प्रति उनके रुख के मद्देनज़र यह माना जा सकता है कि भारत के रूस के साथ मजबूत संबधों से अमेरिका को कोई परेशानी नहीं होगी.
ज्ञात हो कि इस साल रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ नरेंद्र मोदी की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को नागवार गुज़री थी.
दूसरी ओर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप के शासन में अमेरिका कनाडा-भारत विवाद को लेकर कनाडा के साथ उतनी मजबूती से ‘नहीं खड़ा होगा.’
हालांकि ट्रंप की जीत के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर ट्रंप को बधाई देते हुए लिखा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई. कनाडा और अमेरिका की दोस्ती दुनिया के लिए ‘ईर्ष्या’ का पात्र है. मैं और राष्ट्रपति ट्रंप, हमारे दोनों देशों के लिए अधिक अवसर, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे.’
बीते समय में लौटकर देखा जाए तो ट्रंप और ट्रुडो के बीच के संबंध मधुर नहीं नज़र आते. एक समय तो ट्रंप ने ट्रुडो को ‘कट्टर वामपंथी सनकी’ (Far left lunatic) कहा था. और साल 2019 नाटो नेताओं की बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रंप का मजाक उड़ाते हुए दिखाई दिए थे.
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान कनाडा से उनके कैसे संबंध रहते हैं, इस पर भारत की निगाहें होंगी.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, ‘इतिहास की सबसे बड़ी वापसी पर बधाई. ह्वाइट हाउस में आपकी ऐतिहासिक वापसी अमेरिका के लिए एक नई शुरुआत और इजरायल और अमेरिका के महान गठबंधन के लिए एक शक्तिशाली प्रतिबद्धता प्रदान करेगी. यह बहुत बड़ी जीत है.’
Dear Donald and Melania Trump,
Congratulations on history’s greatest comeback!
Your historic return to the White House offers a new beginning for America and a powerful recommitment to the great alliance between Israel and America.
This is a huge victory!
In true friendship,… pic.twitter.com/B54NSo2BMA
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) November 6, 2024
फिलिस्तीन पर निरंतर हमले करता इजरायल ईरान और अन्य मध्य पूर्व के देशों के साथ युद्ध की कगार पर है. जो बाइडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने हमेशा इजरायल का साथ दिया, लेकिन नेतन्याहू के साथ बाइडेन के संबंध उतार-चढ़ाव से भरे रहे. बाइडेन ने फिलिस्तीन नागरिकों की पीड़ा का हवाला देते हुए इजरायल को अमेरिका से मिल रही सैन्य सहायता को कम करने की धमकी दी थी.
बाइडेन सरकार ने इजरायल को एक पत्र भेजकर मांग की थी कि वह अगले 30 दिनों के भीतर गाजा में मानवीय स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए, अन्यथा विदेशी सैन्य सहायता को नियंत्रित करने वाले अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाएगा और अमेरिकी द्वारा दी जा रही सैन्य सहायता खतरे में पड़ सकती है.
ऐसे में नेतन्याहू को अपने पुराने सहयोगी के सत्ता में वापिस आने से साकरात्मत उम्मीदें होंगी. ट्रंप ईरान और फिलिस्तीन मामले में इजरायल के साथ मजबूती से खड़े नज़र आ सकते हैं. इसका सीधा असर मध्य पूर्व के मौजूदा हालात पर पड़ सकता है.
रूस-यूक्रेन युद्ध
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी का सबसे बड़ा असर रूस-यूक्रेन युद्ध पर पड़ सकता है. अमेरिकी सत्ता परिवर्तन यूक्रेन के लिए चिंता पैदा कर सकता है. संभावनाएं हैं कि ट्रंप रूस के साथ शांति वार्ता पर जोर देंगे, और यूक्रेन को मिल रही वित्तीय तथा सैन्य सहायता को कम करेंगे.
हालांकि, ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने उन्हें बधाई देने में देर नहीं लगाई, उन्होंने एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखकर ट्रंप को बधाई दी. वैश्विक शांति के लिए ट्रंप की ‘प्रतिबद्धत्ता’ का जिक्र किया, और इस साल उनके साथ हुई अपनी मुलाकात के बारे में बताया जहां उन्होंने ट्रंप से यूक्रेन अमेरिका की साझेदारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को खत्म करने के बारे में बात की थी.
Congratulations to @realDonaldTrump on his impressive election victory!
I recall our great meeting with President Trump back in September, when we discussed in detail the Ukraine-U.S. strategic partnership, the Victory Plan, and ways to put an end to Russian aggression against…
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) November 6, 2024
एक और पोस्ट में जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने कॉल करके ट्रंप को जीत की बधाई दी.
उत्तरी अटलांटिक सैन्य गठबंधन (नाटो) के महासचिव मार्क रूट ने एक्स पर एक पोस्ट कर बताया, ‘मैंने राष्ट्रपति चुने जाने पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी. उनका नेतृत्व फिर से हमारे गठबंधन (नाटो) को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. मैं उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.’
हालांकि, अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप नाटो के कड़े आलोचक थे, उन्होंने इसके अन्य सदस्यों पर अमेरिका पर ज्यादा निर्भर होने का आरोप लगाया था. इस साल की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि अमेरिका उन नाटो सदस्यों का बचाव नहीं करेगा जो रक्षा के लिए निर्धारित खर्च के लक्ष्यों को पूरा नहीं करते हैं.
एपी न्यूज़ के अनुसार, ट्रंप चाहते हैं कि यूरोपीय सहयोगी अमेरिका पर निर्भरता कर करते हुए अपने सैन्य खर्च को बढ़ाएं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने ट्रंप को बधाई देते हुए कहा, ‘ऐतिहासिक चुनावी जीत पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को बधाई. मैं आने वाले वर्षों में आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं. निकटतम सहयोगियों के रूप में हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के अपने साझा मूल्यों की रक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. मुझे पता है कि आने वाले समय में यूके और यूएस सबंध अटलांटिक के दोनों किनारों पर समृद्ध होते रहेंगे.’
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बुधवार (6 नवंबर) को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई दी. यूनुस ने एक पत्र में कहा, ‘बांग्लादेश और अमेरिका कई क्षेत्रों में मित्रता और सहयोग का एक लंबा इतिहास साझा करता हैं.’
यूनुस ने अपने पत्र में कहा, ‘एक शांतिपूर्ण और समावेशी समाज के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, बांग्लादेश की सरकार और यहां के शांतिप्रिय लोग सभी के लिए शांति, सद्भाव, स्थिरता और समृद्धि के लिए वैश्विक चुनौतियों से निपटने में आपके प्रयासों में भागीदार और सहयोग करने के लिए तत्पर है.’
ज्ञात हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के कुछ दिन पहले 31 अक्टूबर को ट्रंप ने एक्स पर एक लंबे पोस्ट में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की थी. ट्रंप की यह टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय मामलों पर उनके द्वारा की गई कुछ गिनी-चुनी टिप्पणियों में से एक थी.
I strongly condemn the barbaric violence against Hindus, Christians, and other minorities who are getting attacked and looted by mobs in Bangladesh, which remains in a total state of chaos.
It would have never happened on my watch. Kamala and Joe have ignored Hindus across the…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) October 31, 2024
ट्रंप ने लिखा था, ‘मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है. यह स्थिति पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है.’
ट्रंप आगे लिखते हैं, ‘यह मेरी निगरानी में कभी नहीं होता. कमला और जो ने दुनिया भर और अमेरिका में हिंदुओं की उपेक्षा की है.’