विधानसभा चुनाव: झारखंड और महाराष्ट्र में योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती राग दोहराया

महाराष्ट्र में अपनी रैलियों में आदित्यनाथ ने ध्रुवीकरण वाला नारा दोहराते हुए कहा, ‘एक रहोगे तो नेक रहोगे, सुरक्षित रहोगे. बंटे थे तो कटे थे.' 

रैली के दौरान आदित्यनाथ (फोटोः एक्स / @myogiadityanath)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान पूरे तरीके से मुसलमानों का दानवीकरण कर हिंदू वोट भाजपा की ओर करने पर केंद्रित है. साथ ही, आदित्यनाथ कथित तौर पर हिंदू त्योहारों को बाधित करने वाले ‘पत्थरबाजों’ (मुसलमानों) से निपटने के लिए ‘यूपी-मॉडल’ लागू करने का वादा कर रहे हैं. 

बांग्लादेशियों और रोहिंग्या का नाम लेकर ‘लैंड जिहाद’, ‘लव जिहाद’ और जनसंख्या में परिवर्तन का हवाला देकर भाजपा के स्टार प्रचारक ने अपने मशहूर नारे- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का दोनों राज्यों में इस्तेमाल किया है. इस सप्ताह महाराष्ट्र और झारखंड में आदित्यनाथ की आधा दर्जन रैलियों में न केवल राम मंदिर और हिंदू त्योहारों का मुद्दा हावी रहा, बल्कि उन्होंने दबे-छिपे शब्दों में वादे भी किए कि ‘हिंदू दक्षिणपंथी’ वाराणसी और मथुरा में भी कब्जा कर लेंगे, जैसा अयोध्या में किया और राम मंदिर बनाया गया. 

झारखंड के जमशेदपुर में आदित्यनाथ ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ के लिए बांग्लादेश और म्यांमार से लोगों को ‘घुसपैठ’ होने देने का आरोप लगाया. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार ने यहां पर लव जिहाद, लैंड जिहाद को डेमोग्राफी चेंज करने की साजिश का हिस्सा बना दिया है.’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने राज्य में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और रामनवमी शोभा यात्रा पर पथराव करने वालों का समर्थन किया था. आदित्यनाथ ने कहा, ‘इन उपद्रवी तत्वों का एक ही इलाज है, भाजपा को सरकार में लाओ.’ 

इसी तरह, राज्य के हज़ारीबाग़ की बड़कागांव विधानसभा सीट में एक अन्य चुनावी सभा के दौरान आदित्यनाथ ने झारखंड में बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों की कथित ‘बढ़ती आबादी’ का हवाला देकर हिंदुओं के बीच और अधिक भय पैदा करने की कोशिश की.

उन्होंने कहा, ‘अगर इस तरह से जनसांख्यिकीय परिवर्तन होता है, तो आज वे यात्राएं रोक रहे हैं.. भविष्य में वो आपको अपने घरों के अंदर घंटी बजाने या शंख बजाने की भी अनुमति नहीं देंगे.’ 

बुलडोज़र कार्रवाई की तारीफ़ 

आदित्यनाथ ने ‘बुलडोज़र कार्रवाई’ की बड़ाई करते हुए कहा कि इसी के जरिये उनकी सरकार ने यूपी में शोभा यात्राओं के दौरान पथराव की घटनाओं से निपटा है. 

आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये पत्थरबाज़ पहले कश्मीर में भी थे, आज ये सभी पत्थरबाज़ ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा पर निकल चुके हैं.  2017 से पहले ये पत्थरबाज़ यूपी में भी थे. इनके आका यूपी को लूटते थे, कभी भू-माफिया, कभी पशु माफिया, कभी खनन माफिया और कभी संगठित अपराध के रूप में. वे उन पत्थरबाजों को पाल-पोसकर बड़ा करते थे. लेकिन आज सभी खूंखार माफिया या तो यूपी छोड़ चुके हैं या जहन्नुम की यात्रा पर चले गए हैं.’ 

आदित्यनाथ ने यूपी में कांवड़ यात्रा के सफल समापन का भी जिक्र किया, भले ही कांवड़ यात्रा बर्बरता और हिंसक घटनाओं से घिरी रही थी.

आदित्यनाथ ने हिंदुओं से कहा कि झारखंड चुनाव उनकी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए है. यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ताकत का एहसास कराइए, ये पत्थरबाज हाथों में झाड़ू लेकर आपके लिए सड़कों पर झाड़ू लगाते दिख जाएंगे. यह चुनाव अपनी ताकत का एहसास कराने वाला है, जातियों में मत बांटिए.’

कोडरमा में आदित्यनाथ ने यूपी में ‘माफिया’ तत्वों के खिलाफ बुलडोजर के इस्तेमाल का दावा किया. वह कहते हैं, ‘2017 से पहले माफिया यूपी में सीना तानकर घूमते थे. लेकिन 2017 के बाद जब बुलडोजर चलना शुरू हुआ तो बड़े से बड़े खूंखार माफिया ने भी यूपी की धरती छोड़ दी. आज, कुछ जेल में हैं जबकि अन्य लोग ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा पर निकले हैं.’ 

‘मंदिर बस एक शुरुआत है’

यूपी सीएम ने वाराणसी और मथुरा में मुगलकालीन मस्जिदों से जुड़े मौजूदा कानूनी विवादों के भी कई संदर्भ दिए और संकेत दिया कि अयोध्या की तरह इन दो मामलों में भी ‘हिंदू अधिकारों’ की जीत होगी. 

उन्होंने कहा, ‘यह स्वाभाविक है, हमारे कृष्ण कन्हैया कैसे झुकने वाले हैं?’ आदित्यनाथ ने वादा किया कि भगवान के अयोध्या जैसे दर्शन की मथुरा में भी एक संभावना बनेगी. 

उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर तो बस एक शुरुआत थी.’ 

महाराष्ट्र के वाशिम में आदित्यनाथ ने इस बारे में और विस्तार से बताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी में राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने इस कार्यक्रम को ‘सिर्फ एक शुरुआत’ बताया था. योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘अयोध्या ही नहीं, अब हम काशी और मथुरा की ओर भी बढ़ गए हैं.’ 

महाराष्ट्र में अपनी रैलियों में आदित्यनाथ ने ध्रुवीकरण वाला नारा दोहराते हुए कहा, ‘एक रहोगे तो नेक रहोगे, सुरक्षित रहोगे. बंटे थे तो कटे थे.’ 

अमरावती के टेओसा में आदित्यनाथ ने हिंदुओं से उसी तरह एकजुट होने की अपील की जैसे मराठा शासक शिवाजी, मुगल सम्राट औरंगजेब के शासन के दौरान हिंदू राजाओं को एकजुट करने में कामयाब रहे थे.

आदित्यनाथ ने कहा, ‘बंटो मत. बंटे थे तो कटे थे.’ उन्होंने कहा, ‘अगर हिंदू एकजुट रहें तो कोई भी उनकी शोभा यात्रा पर पथराव नहीं करेगा.’ 

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