ऑस्ट्रेलिया टुडे के ब्लॉक करने के आरोप पर कनाडा का जवाब- कभी प्रतिबंधित नहीं किया

8 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया टुडे ने उसके ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज पर कथित प्रतिबंध के पीछे कनाडा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया था. अब कनाडा ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध उसकी ओर से नहीं है, बल्कि मेटा द्वारा लगाया गया है.

कनाडा के यूजर्स को द ऑस्ट्रेलिया टुडे का फेसबुक पेज ऐसा नज़र आ रहा है. (फोटो साभार: X/@TheAusToday)

नई दिल्ली: कनाडा के विदेश मंत्रालय ‘ग्लोबल अफेयर्स कनाडा’ ने सोमवार (11 नवंबर, 2024) को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की तरफ़ से मीडिया आउटलेट ऑस्ट्रेलिया टुडे को ब्लॉक नहीं किया गया है.

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ‘कनाडा में मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी मीडिया आउटलेट्स को न्यूज़ कंटेंट शेयर करने से रोक दिया है. मेटा ने यह निर्णय साल 2023 में लिया था. यह मेटा की ओर से वैश्विक स्तर पर अपने प्लेटफॉर्म पर समाचारों को कम दिखाने की व्यापक व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा है.’

बता दें कि मेटा ही फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक है.

ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कनाडा सरकार पर लगाया था ब्लॉक करने का आरोप

पिछले दिनों ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ ने दावा किया था कि उसके सोशल मीडिया हैंडल को कनाडा द्वारा इसलिए ब्लॉक कर दिया गया है क्योंकि उसने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कैनबरा (आस्ट्रेलिया की राजधानी) में की गई टिप्पणी की रिपोर्टिंग की थी.

8 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया टुडे ने एक्स एकाउंट पर अपने ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज का क्रॉप किया हुआ स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था. संस्थान के प्रबंध संपादक जितार्थ जय भारद्वाज ने पोस्ट के कैप्शन में कथित प्रतिबंध के पीछे कनाडा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया था.

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी जताई थी चिंता

इसके बाद गुरुवार (7 नवंबर) की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से पूछा गया कि क्या यह सच है कि ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख मीडिया आउटलेट के सोशल मीडिया पेजों पर कनाडा में प्रतिबंध लगा दिया गया है?

जायसवाल ने सवाल पूछने वाले पत्रकार को जवाब देते हुए कहा कि आपने ‘सही सुना’ है.

जायसवाल ने जोर देकर कहा कि यह ब्लॉकिंग इस प्लेटफॉर्म द्वारा जयशंकर के साथ एक साक्षात्कार प्रकाशित करने का परिणाम है, ‘इस घटना के एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर किया है.’

‘ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ भारतीय विदेश मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस को कवर करने कुछ घंटों बाद यह हुआ. इस मीडिया आउटलेट ने विदेश मंत्री की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर भी कई आर्टिकल प्रकाशित किए थे. साथ ही उनका इंटरव्यू भी किया था. इसलिए हम भी आश्चर्यचकित हैं.’

हालांकि, कनाडा के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को साफ़ कहा है कि कनाडा में ऑस्ट्रेलिया टुडे पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया गया. जहां तक भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री वोंग की मीडिया टिप्पणियों की बात है, तो उसे कनाडा में आसानी से और स्वतंत्र रूप से देखा जा सकता है.

फिर ऑस्ट्रेलिया टुडे का फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज कनाडा में ब्लॉक क्यों दिखा रहा है?

द वायर ने आठ नवंबर को बताया था कि कनाडा में ऑस्ट्रेलिया टुडे ही नहीं सभी मीडिया संस्थानों (जिसमें कनाडा का ग्लोब एंड मेल भी शामिल है) के सोशल मीडिया हैंडल (जो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हैं) के पोस्ट अनुपलब्ध हो गए हैं. कनाडा के लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर न्यूज़ संस्थानों द्वारा पोस्ट किए जा रहे कंटेंट को नहीं देख पा रहे हैं. पेज खोलने पर लिखा आ रहा है– कनाडा में रहने वाले लोग इसे नहीं देख सकते. (People in Canada can’t see this content.)

यह सिर्फ द ऑस्ट्रेलिया टुडे ही नहीं है – अंतरराष्ट्रीय आउटलेट्स और यहां तक ​​कि कनाडाई आउटलेट्स के भी मेटा प्लेटफॉर्म ब्लॉक हैं.

हालांकि, ब्लॉक पेज पर मेटा के अपने लिंक से संकेत मिलता है कि यह काम कनाडा सरकार ने नहीं बल्कि मेटा ने किया है. कनाडा में मेटा ने जिस भी पेज को ब्लॉक किया है, उस पेज पर सबसे नीचे लिखा है, ‘कनाडाई सरकार के कानून के जवाब में न्यूज़ कंटेंट कनाडा में नहीं देखा जा सकता है.’ इसके बाद ‘अधिक जानें’ का विकल्प मिलता है, जिस पर क्लिक करने से दूसरा फेसबुक पेज खुलता है.

यह फेसबुक का न्यूज़रूम पेज है, जिसके ऊपर ही मोटे अक्षरों में लिखा है- ‘कनाडा में हमारे प्लेटफॉर्म पर समाचार उपलब्धता को लेकर परिवर्तन.’

इस पेज को अंतिम बार 1 अगस्त, 2023 को अपडेट किया गया था, जिसकी पहली ही पंक्ति है– ‘ऑनलाइन समाचार अधिनियम का अनुपालन करने के लिए हमने कनाडा में समाचार उपलब्धता को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये परिवर्तन आज से शुरू हो रहे हैं, और अगले कुछ हफ़्तों में कनाडा में फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए लागू किए जाएंगे.’

क्या है ऑनलाइन समाचार अधिनियम?

ऑनलाइन समाचार अधिनियम, जिसे कनाडा में C-18 के रूप में भी जाना जाता है, को जून 2023 में मंजूरी दी गई थी और इसका उद्देश्य मेटा और गूगल जैसी आईटी कंपनियों को उनके प्लेटफार्मों पर शेयर किए जा रहे लेखों के लिए समाचार प्रकाशकों और मीडिया आउटलेट्स को भुगतान करने के लिए मजबूर करना था.

आसान भाषा में कहें, तो कनाडा सरकार चाहती है कि मेटा, गूगल आदि उन मीडिया संस्थानों को पैसा दें, जो उनके प्लेटफॉर्म पर अपना कंटेंट शेयर करते हैं यानी दिग्गज कंपनियां अपने राजस्व का कुछ हिस्सा शेयर करें क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन होने से मीडिया आउटलेट अपने विज्ञापनदाता खो रहे हैं.

हालांकि, आईटी कंपनियों ने इसका विरोध किया और कहा कि मीडिया संस्थान स्वेच्छा से अपने लाभ के लिए प्लेटफॉर्म पर अपना कंटेंट शेयर करते हैं.

गूगल माना, लेकिन मेटा का विरोध जारी

नवंबर 2023 में गूगल ने ऑनलाइन समाचार अधिनियम लागू होने से ठीक तीन सप्ताह पहले समाचार आउटलेट्स को सालाना 100 मिलियन कनाडाई डॉलर वितरित करने के लिए कनाडाई सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. लेकिन मेटा ने इसका विरोध जारी रखा है, जिसके तहत उसने कनाडा में अपने यूजर्स की न्यूज़ कंटेंट तक पहुंच को खत्म कर दिया है. एक अगस्त, 2023 से ही मेटा का कोई यूजर कनाडा में न्यूज़ कंटेंट शेयर नहीं कर पा रहा है.