नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले झारखंड भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए ‘झूठे और भ्रामक’ वीडियो के बारे में कांग्रेस की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने रविवार को एफआईआर दर्ज की है और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पोस्ट हटाने के लिए लिखा है.
रविवार (10 नवंबर) को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आदर्श आचार संहिता समेत चुनाव कानूनों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कांग्रेस की शिकायत भाजपा की झारखंड इकाई के आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन के वीडियो के प्रसारण से संबंधित है, जिसमें विपक्षी नेताओं को कथित तौर पर आदिवासी विरोधी दिखाने की कोशिश की गई है.
मालूम हो कि झारखंड में इसी महीने दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
कांग्रेस सांसद और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि 9 नवंबर को झारखंड भाजपा के फेसबुक पेज द्वारा प्रसारित एक विज्ञापन में ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और उनके खिलाफ गलत बयान दिए जा रहे हैं.
पत्र में कहा गया है कि इन नेताओं के खिलाफ झूठी और निराधार कहानियों को प्रचारित करने के इरादे से इन्हें नकारात्मक और झूठी छवि में चित्रित किया जा रहा है. पत्र में चुनाव आयोग से सभी वीडियो को तत्काल हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है.
पत्र में आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने जानबूझ कर झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं से मिलते-जुलते अभिनेताओं का विज्ञापन में इस्तेमाल किया और इनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इन्हें आदिवासी विरोधी बताने की कोशिश की गई, जो अपने निजी एजेंडा को पूरा करने के लिए आदिवासी समर्थक होने की आड़ में एकजुट हुए हैं.
जयराम रमेश का कहना है कि आदर्श आचार संहिता के तहत कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार विरोधी दल या नेता के खिलाफ गलत जानकारी के आधार पर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता. इसके अलावा, कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता हो.
पत्र में कहा गया है कि भाजपा द्वारा प्रकाशित विज्ञापन आधारहीन आरोप और झूठ से भरा हुआ है, जिसका एकमात्र उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी विपक्षी दल को वोट देने से रोकने और भाजपा को चुनाव में अनुचित लाभ पहुंचाने का है.
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया जारी है, इसलिए भाजपा को इस विज्ञापन के लिए चुनाव आयोग से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी.