आंध्र प्रदेश: सरकार ने विपक्ष की सोशल मीडिया पोस्ट पर 680 नोटिस भेजे; 147 केस दर्ज, 49 गिरफ़्तारियां

आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस समर्थकों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए दावा किया है कि उन्होंने तेदेपा नेताओं की 'पत्नियों और बेटियों' के बारे में अपमानजनक सामग्री पोस्ट की है.

आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू. (फोटो साभार: X/@ncbn)

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने तेदेपा नेताओं की ‘पत्नियों और बेटियों’ के बारे में आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करके हद पार कर दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 से 12 नवंबर के बीच राज्य पुलिस ने 680 नोटिस जारी किए, 147 मामले दर्ज किए और 49 लोगों को गिरफ्तार किया. उनमें से अधिकांश पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, मानहानि, सार्वजनिक शरारत, आपराधिक षड्यंत्र के साथ-साथ तस्वीरों से छेड़छाड़ और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से संबंधित आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि विभिन्न जिलों में पुलिस ने वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के सोशल मीडिया पोस्ट की छानबीन की, जिनमें कथित तौर पर प्रभावशाली महिलाओं – गृह मंत्री वी. अनिता, तेदेपा विधायक और अभिनेता एन. बालकृष्ण की पत्नी वसुंधरा, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की पत्नी, उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के प्रमुख के. पवन कल्याण की बेटियों, आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला और उनकी मां वाईएस विजयम्मा को निशाना बनाया गया था.

जिन प्रमुख वाईएसआरसीपी सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें वी. रविंदर रेड्डी, इंटुरी रवि किरण, कल्लम हरिकृष्ण रेड्डी, पेद्दीरेड्डी सुधा रानी और मेका वेंकट रामी रेड्डी शामिल हैं.

गिरफ्तारी पर कर्नूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने कहा, ‘रवींद्र रेड्डी कडप्पा जिले के वाईएसआरसीपी के सह-संयोजक हैं और पार्टी के सोशल मीडिया को संभालते हैं. वह ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री फैला रहे हैं और समुदायों के बीच अशांति पैदा कर रहे हैं. उन्होंने नेताओं की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की है और ऐसी सामग्री पोस्ट कर रहा है जो विभिन्न समुदायों के बीच अशांति को भड़काती है. उनके कार्य विभाजन को बढ़ावा देते हैं और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं. वह दर्जनों यूट्यूब चैनल चलाते हैं जो महिला नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री के ज़रिए उन्हें निशाना बनाते हैं.’

तेदेपा प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने कहा, ‘विपक्षी राजनीतिक नेताओं के चुटकुले या कैरिकेचर पोस्ट करना ठीक है, लेकिन उनके परिवारों की महिलाओं को निशाना बनाना और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करना हद पार करना है. जब तेदेपा पांच महीने पहले सत्ता में आई थी, तो वरिष्ठ नेतृत्व ने प्रतिशोध की राजनीति नहीं करने का फैसला किया था और इन सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और उनके आपत्तिजनक पोस्ट को नजरअंदाज कर दिया था.’

रेड्डी ने कहा, ‘हालांकि, सबक सीखने के बजाय वे आक्रामक हो गए हैं. तेदेपा नेताओं की पत्नियों और बेटियों सहित परिवार के सदस्यों को इस गंदे सोशल मीडिया युद्ध में क्यों घसीटा. उन्होंने वाईएस शर्मिला और वाईएस विजयम्मा को भी नहीं बख्शा. उनके सोशल मीडिया पोस्ट गृह मंत्री वी. अनिता जैसे लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों में बदल गए हैं. यह सब कुछ छिपा हुआ है और यह कार्रवाई उनकी खुद की करतूत है. वास्तव में लोग तंग आ चुके हैं और पुलिस में शिकायत दर्ज करा रहे हैं.’

दूसरी ओर, वाईएसआरसीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गिरफ्तारियों की निंदा की और कहा कि तेदेपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बदले की राजनीति में लिप्त है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है, उन्हें अवैध हिरासत में ले रही है और धमकियां दे रही है, जो सीधे तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर हमला है. इन आवाज़ों को दबाकर सरकार लोकतंत्र को कमज़ोर कर रही है और हर नागरिक को दिए गए बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन कर रही है. सत्ता का यह दुरुपयोग लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के बजाय राजनीतिक प्रतिशोध पर ध्यान केंद्रित करता है.’

सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई पवन कल्याण द्वारा व्यक्त की गई नाराजगी के बीच की गई है, जिन्होंने हाल ही में गृह मंत्री पर अपना काम ठीक से न करने का आरोप लगाया था.