गुजरात के 47 और हिमाचल प्रदेश के 22 नवनिर्वाचित विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले.
नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा के नवनिर्वाचित 182 विधायकों में से 47 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और करीब 141 विधायक करोड़पति हैं. जबकि हिमाचल प्रदेश के नये चुने गए विधायकों में से 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी सार्वजनिक की है. इनमें से 52 करोड़पति हैं.
लोकतांत्रिक सुधार के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विधायकों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण कर यह जानकारी दी है.
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में 182 नये विधायकों में से 47 यानी 26 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी सार्वजनिक की है. वर्ष 2012 के चुनाव में यह आंकड़ा 57 यानी 31 प्रतिशत था.
इनमें से 33 ने अपने खिलाफ संगीन अपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है जबकि 2012 में यह संख्या 24 थी. पार्टी आधार पर भाजपा के 99 विधायकों में से 18, कांग्रेस के 77 में से 25, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो में से एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक और तीन निर्दलीयों में से दो पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें भी भाजपा के 12, कांग्रेस के 17, भारतीय ट्राइबल पार्टी के एक और दो निर्दलीय विधायकों पर संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इन नये विधायकों में से 141 यानी 77 प्रतिशत करोड़पति हैं. वर्ष 2012 के चुनावों में यह संख्या 134 यानी 74 प्रतिशत थी. पार्टी आधार पर भाजपा के 84, कांग्रेस के 54, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से ऊपर दर्शायी है.
हिमाचल में 68 विधायकों में 52 करोड़पति
हिमाचल प्रदेश के नये चुने गए विधायकों में से 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी सार्वजनिक की है. वहीं इन नये 68 विधायकों में 52 करोड़पति हैं.
एडीआर ने हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच के साथ मिलकर सभी 68 विधायकों के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट के अनुसार 68 विधायकों में से 32 प्रतिशत यानी 22 ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 14 यानी 21 प्रतिशत था.
इस बार आठ विधायकों ने अपने खिलाफ संगीन अपराधिक मामलों की घोषणा की है जबकि 2012 में यह संख्या पांच थी. अगर इन आंकड़ों का विश्लेषण पार्टी के आधार पर किया जाए तो कांग्रेस के चुने 21 विधायकों में से दो पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि भाजपा के 44 में से 18 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. माकपा के इकलौते और दो निर्दलीय में से एक विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात जारी की गई है.
इनमें संगीन आपराधिक मामलों वालों की संख्या पार्टी के आधार पर कांग्रेस में एक, भाजपा में छह और माकपा के एक हैं. एडीआर की विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार 68 विधायकों में से 52 यानी 76 प्रतिशत करोड़पति हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में यह संख्या 44 यानी 65 प्रतिशत थी.
पार्टी आधार पर कांग्रेस के 21, भाजपा के 28, माकपा का एक एवं दोनों निर्दलीय विधायकों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक होने की घोषणा अपने हलफनामे में की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)