महाराष्ट्र: मतदान से ठीक पहले भाजपा नेता के पास मिला कैश भरा बैग, वोट के लिए नोट का आरोप

बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले मुंबई के विरार के एक होटल में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के पास काफ़ी कैश मिला है. कहा जा रहा कि तावड़े के बैग में पांच करोड़ रुपये और डायरी थी, जिसमे उन लोगों के नाम लिखे थे जिन्हें पैसे दिए जाने थे. 

विरार में बीवीए कार्यकर्ताओं और विनोद तावड़े को दिखाने वाले वीडियो के स्क्रीनग्रैब

नई दिल्लीः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान से चंद घंटों पहले मंगलवार (19 नवंबर) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े कथित तौर पर एक होटल में ‘बड़ी मात्रा में नकदी (कैश) के साथ पकड़े गए.’

रिपोर्ट के अनुसार, मामला तब सामने आया जब बहुजन विकास अघाड़ी पार्टी (बीवीए) के समर्थकों ने वसई-विरार इलाके के मनवेल पाड़ा स्थित विवांता होटल में प्रवेश किया, जहां तावड़े ठहरे हुए थे. दावा किया जा रहा है कि तावड़े के पास मौजूद एक बैग में पैसे भरे हुए थे और बैग मिलने पर उन्होंने नकदी निकालकर इधर-उधर फेंक दी.

घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में तावड़े एक मेज पर बैठे हुए दिख रहे हैं और वह उन लोगों से घिरे हुए हैं जिनके हाथों में कैश है. द वायर स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर सका है. 

कहा जा रहा है कि तावड़े के बैग में कथित तौर पर 5 करोड़ रुपये थे, साथ ही कुछ डायरी भी थी, जिसमें उन लोगों के नाम लिखे थे जिन्हें पैसे दिए जाने थे. 

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, तावड़े सुबह 10 बजे के आसपास पालघर के वाडा तालुका से यात्रा कर विरार पहुंचे थे. बीवीए समर्थकों ने कहा कि उन्होंने तावड़े को लोगों को पैसे बांटते देखा था. 

इन आरोपों पर तावड़े ने कहा है कि होटल के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, और वे वहां सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने आए थे. उन्होंने कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी पैसे नहीं बांटे. 

नालासोपारा (पूर्व) में ‘नोट के बदले वोट’ मामले में भाजपा नेता विनोद तावड़े के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. 

बताया गया है कि होटल से करीब 9 लाख रुपये कैश और दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

इस बीच, शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एक्स पर लिखा कि ‘भाजपा का खेल खत्म हो गया है और बीवीए के क्षितिज ठाकुर ने वह काम किया है जो चुनाव आयोग को करना चाहिए था.’