मध्य प्रदेश: बुलडोज़र लेकर ‘अतिक्रमण’ हटाने पहुंचे भाजपा विधायक हिरासत के बाद बोले- फिर जाऊंगा

मऊगंज ज़िले में एक मंदिर के पास एक कथित अतिक्रमण को गिराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपने समर्थकों के साथ बुलडोज़र लेकर पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद उन्होंने कहा कि वे रिहा होते ही 500 लोगों को साथ लेकर सीधे दीवार गिराने जाएंगे.

भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को पुलिस पकड़कर लेकर जाती हुई. (फोटो साभार: फेसबुक/ Pradeep Patel)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक मंदिर के पास की कथित अतिक्रमण की दीवार गिराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल के बुलडोजर के साथ पहुंच थे. पथराव की घटना के बाद उन्हें एहतियातन हिरासत में लेने के दो दिन बाद पुलिस ने गुरुवार को इलाके की घेराबंदी की और इलाके पर कब्जा करने की कवायद शुरू की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, पटेल ने कहा कि जैसे ही वह रिहा होंगे, वह उस ढांचे को ध्वस्त कर देंगे, जो स्थानीय मंदिर की भूमि पर कथित अतिक्रमण का हिस्सा है.

ज्ञात हो कि देवरा गांव के महादेवन मंदिर से जुड़ी करीब 9 एकड़ जमीन को लेकर विवाद है, जहां मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के करीब 70 से 75 घर हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों का दावा है कि यहां उनके पुश्तैनी घर हैं. बताया गया है कि उनकी तरफ से भी जबलपुर हाईकोर्ट में याचिक दायर की गई है.

बीते 19 नवंबर को पटेल और उनके समर्थक बुलडोजर लेकर पहुंचे और देवरा गांव में महादेवन मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाने और निवासियों को बेदखल करने की धमकी दी, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई.

पुलिस ने बताया कि जैसे ही जेसीबी बाउंड्री वॉल की ओर बढ़ी, वहां रहने वाले लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे करीब चार-पांच लोग घायल हो गए. पटेल और उनके समर्थकों ने कहा कि स्थानीय राजस्व अदालत ने बेदखली के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन प्रशासन ने आदेश का पालन नहीं किया.

मऊगंज के जिलाधिकारी अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह पूरा विवाद मंदिर के पास एक चारदीवारी को गिराने को लेकर था. सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार 15 दिन का नोटिस दिया गया था. स्थानीय अदालत ने संरचना को अवैध माना और ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए. ऐसे संवेदनशील मामलों में सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है जहां दो समुदाय शामिल हों.’

गुरुवार को पटेल को एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन वह स्थानीय मीडिया से बात करने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने परिसर में मकान बना लिए थे, उन्हें स्थानीय अदालतों द्वारा अन्यत्र भूमि आवंटित कर दी गई है, लेकिन निवासी अभी भी वहां से नहीं जा रहे हैं.

पटेल ने कहा, ‘मुझे खुद ही अतिक्रमण हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. जैसे ही मैं यहां से रिहा होऊंगा, मैं 500 लोगों को साथ लेकर सीधे अतिक्रमण हटाने जाऊंगा.’

मऊगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे ने अखबार को बताया, ‘विधायक को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. मैं पिछले दो दिनों से मौके पर हूं और शांति बनाए रखने के लिए करीब 180 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. इस इलाके में अतिक्रमण है और यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के परिवार रहते हैं. मामले की सुनवाई स्थानीय अदालत में चल रही है.’

विधायक से बात करने के लिए भेजे गए भाजपा नेता और राज्य मंत्री लखन पटेल ने कहा, ‘मैंने उनसे मुलाकात की. हमने करीब तीन घंटे तक बात की. उनकी एकमात्र मांग अतिक्रमण हटाना है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर विधायक के इस दावे के लिए कोई सबूत है कि जमीन पर रहने वाले लोगों ने ‘देश विरोधी नारे’ लगाए, तो इसकी जांच की जाएगी.