महाराष्ट्र परिणाम: क्या महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव की सफलता दोहरा पाएगी?

महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

नई दिल्ली: इस वक्त सभी की निगाहें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना और नतीजों पर टिकी हैं, जिसके लिए 20 नवंबर को मतदान हुआ था. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शनिवार (23 नवंबर) को होनी है.

राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.

इन चुनावों में मौजूदा भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन, जो सत्ता में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन, मौजूदा नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहा है.

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं, इनमें से 16 अनुसूचित जाति और 8 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. शेष 264 सीटें अनारक्षित हैं.

सबसे ज्यादा सीटों पर भाजपा (149) और कांग्रेस (101) ने उम्मीदवार उतारे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने 81 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारा है. महायुति के तीसरे प्रमुख घटक उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 59 सीटों पर मैदान में हैं.

एमवीए की बात करें तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी 95 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी 86 सीटों पर मुकाबला कर रही है.

महायुति और एमवीए दोनों ने अपने छोटे सहयोगियों के लिए चार-चार सीटें छोड़ी हैं.

एमवीए ने समाजवादी पार्टी के लिए दो सीटें (भिवंडी ईस्ट और मानखुर्द-शिवाजीनगर) और सीपीएम के लिए दो सीटें (दहानू और कलवन) छोड़ी है. सीपीएम के लिए छोड़ी गई दोनों सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं.

बुधवार को महाराष्ट्र में मतदान के बाद अपने एग्जिट पोल के निष्कर्ष जारी किए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नौ एग्जिट पोल के विश्लेषण के अनुसार, महायुति 118 से 175 सीटों के साथ आगे चल रही है, जबकि एमवीए के पास केवल 69 सीटें हैं.

तीन सर्वेक्षणों में स्पष्ट बहुमत के बिना ‘त्रिशंकु सदन’ का संकेत दिया गया है. महायुति की संभावनाएं दिख रही हैं, लेकिन एमवीए अभी भी सक्रिय है, जिससे राजनीतिक स्थिति अस्पष्ट है.