सीबीआई जज ने कहा, ‘कोई संदेह नहीं है कि अभियोजन पक्ष किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ कोई आरोप साबित करने में बुरी तरह असफल रहा है.’
नई दिल्ली: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के 2जी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी समेत 19 आरोपियों को गुरुवार को बरी कर दिया.
निदेशालय ने अपने आरोप पत्र में इस मामले में द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल का नाम भी आरोपियों के रूप में शामिल किया था. निदेशालय ने आरोप लगाया था कि स्वान टेलीकॉम पी लिमिटेड एटीपीएल के प्रोमोटर्स ने द्रमुक द्वारा संचालित कलैग्नार टीवी को 200 करोड़ रुपये दिए थे.
निदेशालय ने अंतिम रिपोर्ट में आरोपियों के रूप में 10 व्यक्तियों और नौ कंपनियों का नाम लिया था और धन शोधन रोकथाम कानून के उल्लंघन को लेकर आरोप पत्र में उनका नाम शामिल किया था.
विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी के अलावा 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है. मामले में बरी किये गये अन्य लोग हैं… दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका.
इसके अलावा यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह आरएडीएजी के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरी नायर, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी और पी अमीरथम को आरोपमुक्त किया गया है.
इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों… स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस तमिलनाडु लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है.
किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने 2जी घोटाला मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. इस फैसले ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को बहुत परेशान किया था.
राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में दायर अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था. सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था.
सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि अभियोजन पक्ष किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई आरोप साबित करने में बुरी तरह असफल रहा है.’
एस्सार समूहों के प्रोमोटर्स, छह अन्य बरी
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला जांच से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने एस्सार समूह के प्रोमोटर्स रवि कांत रुइया और अंशुमान रुइया तथा अन्य लोगों को बरी कर दिया.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने एस्सार के अलावा लूप टेलीकॉम के प्रोमोटर्स आईपी खेतान और किरण खेतान को भी बरी कर दिया है. अदालत ने जिन अन्य को बरी किया है, उनमें एस्सार समूह के निदेशकों में से एक विकास सर्राफ, लूप टेलीकॉम लिमिटेड, लूप मोबाइल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेलीहोल्डिंग्स लिमिटेड शामिल हैं. अदालत ने पहले इन पर भारतीय दंड संहिता की 120 बी आपराधिक षड्यंत्र धारा के तहत आरोप तय किए थे.
मीडिया, भाजपा और विनोद राय ने माहौल बनाया: सिब्बल
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस ने पूर्व कैग विनोद राय और भाजपा पर निशाना साधा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से हुए नुकसान के बारे में उनका रुख सही साबित हुआ.
सिब्बल ने कहा, मैं पहले दिन से कह रहा था कि कोई नुकसान नहीं हुआ है और आज यह बात साबित हुई. वास्तव में विनोद राय को देश से माफी मांगनी चाहिए. भाजपा उस समय विपक्ष को भी देश से क्षमा मांगनी चाहिए.
सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सभी आरोपियों को बरी कर दिए जाने के बाद सिब्बल ने यह बात कही.
सिब्बल ने कहा कि शुरुआत से ही कोई मामला नहीं था. वास्तव में अगर घोटाला है तो झूठ का घोटाला है, हमारी तरफ से कोई घोटाला नहीं था. हमने नीतियों के अनुरूप काम किया था. मीडिया, भाजपा और विनोद राय ने ऐसा माहौल बनाया… जिसकी वजह से दूरसंचार क्षेत्र आज भी गंभीर स्थिति में है और यह सब विनोद राय और उस समय विपक्षी पार्टी रही भाजपा की वजह से हुआ है.
फरवरी 2012 में उच्चतम न्यायालय ने 122 दूरसंचार लाइसेंसों को रद्द कर दिया था, इस पर सिब्बल ने कहा कि यह सही निर्णय नहीं था. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने अपनी तरफ से देश हित में अच्छे से अच्छा फैसला देने की कोशिश की हालांकि यह जरूरी नहीं कि वह सही ही रहा हो.
कनिमोझी ने कह, न्याय मिल गया
द्रमुक सांसद कनिमोझी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामलों में उन्हें और अन्य को बरी करने विशेष अदालत के फैसले के बाद कहा कि न्याय मिल गया है.
फैसला सुनाए जाने के बाद कनिमोझी ने संवाददाताओं से कहा, मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है और न्याय मिल गया है. राज्यसभा सदस्य और द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि की बेटी कनिमोझी कलैग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य सह आरोपियों के साथ मिलकर साठगांठ करने की आरोपी थीं. कनीमोई कलैग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड की प्रमोटर हैं.
राजा ने कहा कि फैसले से सभी खुश
पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं द्रमुक नेता ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में फैसले का स्वागत किया. अदालत कक्ष से बाहर आते हुए राजा ने संवाददाताओं से कहा, मैं फैसला पढ़ने के बाद कुछ कहूंगा. आप देख रहे हैं, सभी खुश हैं. राजा उनके बरी होने की खुशी में जश्न मना रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से घिरे हुए थे.
फैसला पढ़ने के बाद भविष्य के कदम तय करेंगे: सीबीआई
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के बाद जांच एजेंसी ने कहा कि वह फैसले का अध्ययन करने के बाद भविष्य के अपने कदम तय करेगी.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, हमें अभी तक पूरे फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. हम उसका अध्ययन करेंगे, कानूनी सलाह लेंगे और फिर भविष्य का अपना कदम तय करेंगे.
फैसले को सरकार उच्च न्यायालय में चुनौती दे: स्वामी
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि केंद्र सरकार को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देना चाहिए.
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले के याचिकाकर्ताओं में शामिल स्वामी ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा मामले के सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सरकार को तत्काल दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर करनी चाहिए. स्वामी ने कहा कि सभी आरोपियों को आरोपमुक्त करने के फैसले को सरकार को उच्च न्यायालय में चुनौती देना चाहिए.
फैसले के खिलाफ अपील करेगा प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन धनशोधन मामले में 19 लोगों को बरी किए जाने के विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेगा. एजेंसी सूत्रों ने बताया कि एजेंसी आदेश का अध्ययन करेगी और अपने सबूत तथा जांच के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी.
सूत्रों ने कहा कि यह देखना होगा कि प्रवर्तन निदेशालय के मामले को अदालत द्वारा क्या केवल इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि सीबीआई की जांच को खारिज दिया गया है या ऐसा करने के अन्य कारण हैं.
राजा, कनिमोझी की रिहाई पर अदालत परिसर में मना जश्न
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आया फैसला रिहा हुए आरोपियों के चेहरे पर मुस्कान ले आया. इनमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा भी शामिल थे जो यहां विशेष अदालत के भीतर ही मौजूद थे.
अदालत कक्ष के बाहर व्याकुलता से इंतजार कर रहे द्रमुक नेता ए राजा और कनिमोझी के कई समर्थक फैसला आते ही खुशी से नाच उठे. आरोपी और उनके वकीलों के अलावा भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और कुछ पत्रकारों को अदालत कक्ष में प्रवेश मिल सका.
न्यायाधीश ने पहले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजा और अन्य के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में फैसला सुनाया. इन आरोपियों द्वारा अदालत कक्ष खाली करने के बाद 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच से जुड़े दूसरे मामले में एस्सार समूह और लूप टेलिकॉम के प्रोमोटर्स व एक अन्य आरोपी अदालत कक्ष में घुसे जिसके बाद न्यायाधीश ने दूसरा फैसला सुनाया. आरोपियों के परिवार के सदस्य भी अदालत में मौजूद थे.
राजा और कनीमोई के अदालत से बाहर निकलते ही द्रमुक समर्थकों को अदालत परिसर के बाहर पटाखे फोड़ते हुए और दोनों का फूलों से स्वागत करते हुए देखा गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)