नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच कांग्रेस ने गुरुवार (5 दिसंबर) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ‘अपमानजनक’ भाषा का प्रयोग करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे और संबित पात्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
इस संबंध में सदन के बाहर कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘लोकसभा में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब घटी,जब पूरा विपक्ष नेता प्रतिपक्ष को संभल में जाने से रोके जाने का मुद्दा उठा रहा था. वहीं, स्पीकर ने भाजपा नेता निशिकांत दुबे को शून्य काल में बोलने की अनुमति दे दी. शून्यकाल के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता, वायनाड सांसद प्रियंका गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ सबसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी का प्रयोग कभी नहीं किया गया. हम बहुत दुखी हैं.’
वेणुगोपाल ने बताया कि पहले स्पीकर खुद ही संसद और लोकसभा के रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में बात कर रहे थे. साथ ही सलाह दे रहे थे कि मामलों से कैसे निपटना चाहिए और सदन में कैसे आना चाहिए. इसके दस मिनट बाद ही उन्होंने भाजपा सांसद दुबे को अपमानजनक तरीके से बोलने की इजाजत दे दी.
कांग्रेस महासचिव के मुताबिक, ‘जिस दिन से राहुल गांधी अडानी के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए, उसी दिन से अडानी के एजेंटों ने राहुल गांधी को गाली देना शुरू कर दिया है.’
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात कर दुबे से माफी की मांग की है.
उन्होंने कहा, ‘दुख की बात यह है कि अभी कुछ देर पहले ही स्पीकर हमें मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे थे, जिसे भाजपा सांसद दुबे ने उठाकर फेंक दिया. हमने स्पीकर से मुलाकात की है और मांग की है कि सांसद को माफी मांगनी चाहिए, अपने शब्द वापस लेने चाहिए और स्पीकर को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.’
मालूम हो कि निशिकांत दुबे की गुरुवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की. उस समय विपक्ष उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और राहुल गांधी को वहां जाने से रोके जाने पर चर्चा करने की मांग कर रहा था.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दुबे को पहले बोलने की अनुमति दी और कहा कि विपक्ष के सदस्य उनके बाद संभल के बारे में बोल सकते हैं.
निशिकांत दुबे ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी खोजी मीडिया संगठन, संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) और जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर संसद और मोदी सरकार को गिराने की योजना बना रहे हैं.
दुबे ने कहा, ‘विपक्ष दल मोदी सरकार को गिराने के लिए लगातार विभिन्न रणनीतियां तैयार कर रहे हैं. वे नफरत में डूबे हुए हैं और विदेशी फंडिंग की मदद से मोदी जी और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में लगे हुए हैं. एक फ्रांसीसी मीडिया संगठन, मेदियापार ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया कि ओसीसीआरपी संगठन, जो सोरोस फाउंडेशन द्वारा समर्थित है और जिसे अमेरिकी सरकार द्वारा फंड किया जाता है, वो भारतीय संसद को पटरी से उतारने का काम कर रहा है. ये संसद को चलने नहीं देना चाहते हैं.’
उन्होंने आगे सोरोस के बारे में बोलते हुए कहा कि वे विश्व अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारकर अपना लाभ कमाते हैं. दुबे ने 1991 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि सोरोस ने इसे बाधित कर 6 बिलियन डॉलर का लाभ कमाया. अब उनका लक्ष्य भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना है. इसके अलावा ओसीसीआरपी द्वारा की गई कोई भी रिपोर्ट तुरंत कांग्रेस पार्टी द्वारा ट्वीट की जाती है.
दुबे ने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ओसीसीआरपी द्वारा प्रकाशित अलग-अलग रिपोर्टों को लेकर संसद नहीं चलने देने की कोशिश की है. इसमें पेगासस स्पाइवेयर, भारत में विकसित टीके और कोविड-19 के खिलाफ उनकी प्रभावकारिता, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और कोयला खदानों पर रिपोर्ट शामिल थी.
इसके बाद विपक्ष ने दुबे का विरोध शुरू किया और ओम बिड़ला ने सदन स्थगित कर दिया.
दोपहर में जब सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो सदन केवल कुछ मिनटों के लिए ही चला और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.
गुरुवार शाम को ही कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भी बिड़ला को पत्र लिखकर ‘विपक्ष के नेता के खिलाफ अत्यधिक निंदनीय भाषा’ का इस्तेमाल करने के लिए संबित पात्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
बिड़ला को लिखे अपने पत्र में टैगोर ने कहा कि मीडिया से बातचीत के दौरान, पात्रा ने अनुचित और अपमानजनक व्यवहार दिखाया है.
टैगोर ने अपने पत्र में कहा, ‘इस तरह का व्यवहार न केवल सम्मानित संसद की छवि को धूमिल करता है बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की गरिमा का भी अपमान करता है. संसद के संरक्षक के रूप में मैं आपसे संबित पात्रा के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.ट
ज्ञात हो कि दिन की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में संबित पात्रा ने मेदियापार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि एक खतरनाक त्रिकोण भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने इस त्रिकोण में अमेरिका के जॉर्ज सोरोस और अमेरिकी एजेंसियों के साथ, ओसीसीआरपी का नाम जोड़ा, जो एक बड़ा समाचार पोर्टल है. इसके अलावा संबित पात्रा ने इस त्रिकोण की आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण भुजा राहुल गांधी को बताया और उन्हें अव्वल दर्जे का गद्दार कहा.
उन्होंने आगे ये भी कहा, ‘मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करने से नहीं डरता. क्योंकि मैं एक भारतीय हूं. जैसा कि मेरी पार्टी ने मुझे सिखाया है, मेरे लिए राष्ट्र पहले है, पार्टी उसके बाद और मैं स्वयं आखिर में हूं.’
पात्रा ने कहा कि उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता को गद्दार कहने में कोई झिझक नहीं है.
राज्यसभा में भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी भारतीय संसद को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेस, ओसीसीआरपी और सोरोस के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया.
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस सांसदों ने जैकेट पहनकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जिस पर लिखा था: ‘मोदी और अदानी एक हैं.’ उन्होंने अमेरिका में अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच की मांग करते हुए संसद परिसर में मार्च भी किया.
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