नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सागरिका घोष की ओर से गुरुवार (12 दिसंबर) को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें रिजिजू पर विपक्ष के अपमान का आरोप लगाया गया है.
मालूम हो कि सागरिका घोष, जो राज्यसभा में टीएमसी की उपनेता हैं, ने अपने एक बयान में कहा कि नोटिस पर सदन के अन्य सभी विपक्षी नेताओं ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. उन्होंंने संसद को सुचारू रूप से चलाने का अपना काम करने के बजाय विपक्षी सदस्यों का बार-बार अपमान किया है.’
सागरिका घोष ने आगे बताया, ‘बुधवार (11 दिसंबर) को रिजिजू ने यह कहकर विपक्ष का अपमान किया कि वे सदन के सदस्य होने के ‘योग्य नहीं’ हैं. रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों का अपमान किया है और सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह विपक्षी सांसदों के खिलाफ व्यक्तिगत शब्दों का इस्तेमाल किया है. यह उनके उच्च पद के लिए पूरी तरह से अशोभनीय और अस्वीकार्य है और यह उनके पद का खुलेआम दुरुपयोग है.’
घोषने ये भी कहा, ‘इन परिस्थितियों में हम विपक्ष के खिलाफ अपशब्दों और असंसदीय भाषा के साथ अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए मंत्री रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने को बाध्य हुए हैं. सभी विपक्षी दलों और विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. रिजिजू को अपने कहे के लिए माफी मांगनी चाहिए और विपक्ष के खिलाफ उनकी टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से हटाया जाना चाहिए.’
ज्ञात हो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, को हटाने के लिए विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस के बाद राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष और ट्रेजरी बेंच के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई थी. इस संबंध में रिजिजू ने कहा था, ’72 साल बाद एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना है और इस सदन के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इस सदन की गरिमा को बनाए रखा है. हम शुरू से देख रहे हैं कि विपक्ष किस तरह लोकतंत्र और सभापति की गरिमा में विश्वास नहीं रखता. आप सदन से बाहर जाएं और उपराष्ट्रपति पर बेबुनियाद आरोप लगाएं. आप इस सदन के योग्य नहीं हैं. यदि आप सभापति का सम्मान नहीं कर सकते तो आपको इस सदन का सदस्य होने का कोई अधिकार नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा था, ‘हम सभी ने इस देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस सदन के सदस्य और मंत्री के रूप में शपथ ली है. अगर आप उपराष्ट्रपति पर हमला करेंगे तो हम उनका बचाव करेंगे और आपके इरादों को सफल नहीं होने देंगे. सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच जो संबंध सामने आ रहे हैं, वह हमारी रिपोर्ट नहीं है. विश्व मीडिया में यह बात सामने आ रही है. आपको उन लोगों से संबंध रखने पर शर्म आनी चाहिए जो भारत को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. आप सोरोस जैसी ही भाषा बोलते हैं. आप भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के साथ खड़े होते हैं और फिर आप चेयरमैन के खिलाफ नोटिस देते हैं. वो इस सदन में और बाहर वह हमेशा किसानों और गरीबों के लिए खड़े रहे हैं. वह हमेशा संविधान की रक्षा के लिए प्रयासरत रहते हैं. हमें उनके इस अध्यक्ष पर बैठने पर गर्व है. हम सभापति के खिलाफ नोटिस देने का यह नाटक नहीं होने देंगे. कांग्रेस को माफ़ी मांगनी चाहिए.’
मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने संसद में कांग्रेस पार्टी और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों का मामला उठाया और विपक्षी दल पर भारत को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया, जिसके चलते इस सप्ताह बार-बार सदन की कार्यवाही रोकी गई और स्थगन हुआ.
दूसरी ओर विपक्ष कारोबारी गौतम अडानी के अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की लगातार मांग कर रहा था.
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