2015 के बाद से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए एच-1बी वीज़ा मंज़ूरी आधी हुई: रिपोर्ट

थिंक टैंक एनएफएपी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की शीर्ष सात आईटी कंपनियों की नए रोज़गार के लिए केवल 7,299 एच-1बी याचिकाएं स्वीकृत हुईं, जबकि वित्त वर्ष 2015 में इसकी संख्या 14,792 थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो साभार: अमेरिका वीजा ऑफिस.)

नई दिल्ली: एक नए अध्ययन से पता चला है कि भारतीय आईटी कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा मंजूरी 2015 के बाद से आधे से अधिक कम हो गई है. अमेरिका स्थित थिंक-टैंक- नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (एनएफएपी) ने अमेरिकी डेटा के विश्लेषण से बताया है कि भारत की शीर्ष सात आईटी कंपनियों के पास वित्तीय वर्ष 2024 में नए रोजगार के लिए केवल 7,299 एच -1 बी याचिकाएं स्वीकृत थीं.

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2015 में यह संख्या 14,792 थी.

मालूम हो कि एच-1बी वीजा एक अस्थायी गैर-आप्रवासी वीजा है, जो लॉटरी प्रणाली के माध्यम से आवंटित किया जाता है और जो स्नातकों और कुशल श्रमिकों को अमेरिका में विशेष व्यवसायों में काम करने का मौका देता है.

वित्त वर्ष 2014 में स्वीकृत एच-1बी याचिकाओं में से लगभग आधी (49.1%) पेशेवर, वैज्ञानिक और तकनीकी सेवाओं में थीं, इसके बाद शैक्षिक सेवाएं (11.9%), विनिर्माण (9.3%), स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सहायता (6.5%) थीं.

अमेज़ॉन, जो एच-1बी वीजा का सबसे बड़ा प्रायोजक बना हुआ है, को वित्त वर्ष 24 में 3,871 स्वीकृतियां मिलीं, जो पिछले वर्ष 4,052 से कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह कॉग्निजेंट (2,837), इंफोसिस (2,504), टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) (1,452) और अन्य जैसे भारतीय आईटी दिग्गजों ने भी एच -1 बी वीजा अनुमोदन में महत्वपूर्ण गिरावट देखी है.

कई विश्लेषकों ने स्वीकृतियों में गिरावट को वैश्विक मंदी और कार्यबल की जरूरतों में बदलाव से जोड़ा है.

अभिनव इमिग्रेशन सर्विसेज के संस्थापक अजय शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘एकमात्र कारण जो मैं सोच सकता हूं वह यह है कि वैश्विक मंदी और एआई सभी प्रमुख खिलाड़ियों के बिजनेस मॉडल को प्रभावित कर रहे हैं. उन्हें अनावश्यक पदों के लिए या उन प्रभागों में पदों के लिए नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है जो मंदी के कारण बिजनेस खो रहे हैं.’

एनएफएपी के निष्कर्षों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के तहत इनकार की दर में और वृद्धि हो सकती है. डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान राष्ट्रपति ने एच-1बी और एल-1 वीजा पर प्रतिबंधात्मक नीतियां लागू की थीं और इसी तरह का कदम उन आईटी सेवा कंपनियों को प्रभावित कर सकता है जो इन वीजा पर बहुत अधिक निर्भर हैं.

दूसरी ओर, एलन मस्क के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला ने एच-1बी वीजा मंजूरी में वृद्धि दिखाई है. एनएफएपी ने कहा कि टेस्ला को वित्त वर्ष 2024 में 742 स्वीकृतियां मिलीं, जो पिछले वर्ष की 328 से दोगुनी से भी अधिक है, जो इसे शीर्ष 25 नियोक्ताओं में 16वें स्थान पर ले आई हैं.

वर्तमान में अमेरिका में 65,000 एच-1बी वीजा की वार्षिक सीमा है, अतिरिक्त 20,000 अमेरिकी विश्वविद्यालयों से मास्टर डिग्री या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले विदेशी नागरिकों के लिए आरक्षित हैं.