संसद में संविधान पर बहस: राहुल गांधी ने सावरकर के विचारों पर भाजपा को घेरा

संसद में संविधान पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए, आपातकाल, अनुच्छेद 370 और वंशवाद को लेकर सवाल उठाए. वहीं, राहुल गांधी ने सावरकर के विचारों और मनुस्मृति का जिक्र करते हुए भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (ScreenGrab/Sansad TV)

नई दिल्ली: शनिवार (14 दिसंबर) को संसद में भारतीय संविधान पर हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में भाजपा नेताओं द्वारा पिछले दो दिनों में उठाए गए प्रमुख बिंदुओं को दोहराया. राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद और किरेन रिजिजू जैसे वरिष्ठ नेताओं की बातों का उल्लेख करते हुए, मोदी ने कहा कि भाजपा, संविधान सभा के सदस्यों की तरह, यह मानती है कि भारत 1947 में नहीं बना, बल्कि एक सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है.

मोदी ने अपने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार संविधान के मार्ग पर चलते हुए महिलाओं, ओबीसी, दलितों, आदिवासियों और गरीबों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है. साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम किया है, आपातकाल लागू किया, अनुच्छेद 370 जोड़ा और अनुच्छेद 19 में प्रतिबंध लगाने वाला पहला संशोधन किया.

सेक्युलर सिविल कोडलागू करने का ऐलान

मोदी ने संविधान पर भाजपा के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकारसेक्युलर सिविल कोडलागू करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह संविधान पर हमला है. बाबा साहेब अंबेडकर ने सार्वभौमिक सिविल कोड का समर्थन किया था और निजी कानूनों को खत्म करना चाहा था. सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार इसकी जरूरत बताई है. मैं इसे लागू करने के लिए पूरी ताकत लगाऊंगा.

मोदी ने कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने बारबार संविधान का उल्लंघन किया है. उन्होंने 1951 के पहले संविधान संशोधन, आपातकाल और 1985 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने जैसे मामलों का उल्लेख किया.

उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए 2013 की उस घटना का जिक्र किया जब राहुल ने सार्वजनिक रूप से एक कैबिनेट अध्यादेश फाड़ दिया था. मोदी ने इसेसरकार का अपमानकरार दिया.

राहुल गांधी का भाजपा पर पलटवार

बहस के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और सावरकर के विचारों पर प्रहार किया. गांधी ने सावरकर के उन विचारों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है और मनुस्मृति को हिंदू राष्ट्र का कानून होना चाहिए. गांधी ने कहा, ‘जब भाजपा संविधान की बात करती है, तो वे मनुस्मृति जैसे ग्रंथों की ओर देखते हैं और भारत को ब्राह्मणवादी और सामंती व्यवस्था में ले जाना चाहते हैं.

गांधी ने मोदी सरकार की तुलना महाभारत के द्रोणाचार्य से की, जिन्होंने एकलव्य का अंगूठा कटवा दिया था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है, खासकर अग्निपथ योजना और अडानी समूह को प्राथमिकता देकर. उन्होंने जातिगत जनगणना और आरक्षण की 50% सीमा को हटाने की भी मांग दोहराई.

देश में संविधान पर बहस जारी

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर सत्ता पर कब्जा कर रही है और मणिपुर जैसे मुद्दों पर असफल रही है. मोदी ने इन आरोपों का जवाब नहीं दिया और अपने सरकार की नीतियों और उपलब्धियों पर जोर दिया.

संविधान पर इस बहस के बीच, विपक्ष ने भाजपा पर संविधान में संशोधन की मंशा का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने इसेफर्जी नैरेटिवकरार दिया. मोदी ने कहा, ‘हमारी नीतियां और फैसले संविधान के मूल्यों को दर्शाते हैं. यही बाबा साहेब अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है.