पश्चिम बंगाल: मेला आयोजकों ने बांग्लादेशी व्यापारियों से मेले में भाग न लेने को कहा

बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल के बीच कोलकाता के बिधाननगर में लोकप्रिय शीतकालीन मेले के आयोजकों ने बांग्लादेशी व्यापारियों से इसमें भाग न लेने का अनुरोध किया. जिन्होंने मेले में स्टॉल बुक किए थे और अग्रिम भुगतान किया था उन्हें उनकी राशि वापस की जा रही है.

बिधानगर मेला. (फाइल फोटो: फेसबुक/Bidhannagar Mela)

नई दिल्ली: बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल के कारण कोलकाता के सबसे लोकप्रिय शीतकालीन मेलों में से एक के आयोजकों ने बांग्लादेशी व्यापारियों- जिन्होंने मेले के मैदान में स्टॉल बुक किए थे और अग्रिम भुगतान (एडवांस) किया था, से अनुरोध किया है कि वे मेले में भाग न लें.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता के बिधाननगर मेला उत्सव 2024-25 के स्टॉल और मंडप बुकिंग की देखरेख करने वाली एजेंसी ने बांग्लादेशी व्यापारियों द्वारा स्टॉल के लिए भुगतान की गई एडवांस राशि वापस करना शुरू कर दिया है.

मंगलवार को साल्ट लेक सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड में मेले का उद्घाटन होगा. बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा आयोजित यह मेला 6 जनवरी तक चलेगा. इस साल करीब 500 स्टॉल लगाए जा रहे हैं.

बीएमसी द्वारा स्टॉल, मंडप और कियोस्क बुकिंग की देखभाल के लिए नियुक्त एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘बांग्लादेशी व्यापारियों की उपस्थिति से प्रतिक्रिया भड़क सकती है. हम मेले में कोई परेशानी नहीं चाहते हैं और कुछ लोगों द्वारा दी गई एडवांस राशि वापस कर चुके हैं. हम बाकी लोगों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे धन वापसी स्वीकार कर लें और मेले में न आएं.’

यह पहले ही बताया जा चुका है कि 28 जनवरी को सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड में शुरू होने वाले कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में सीमा पार से भागीदारी की संभावना नहीं है. हर साल बांग्लादेश के प्रतिनिधि बिधाननगर मेले में ढाकाई और जामदानी साड़ियों और अन्य वस्तुओं के दो से तीन स्टॉल लगाते हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ती है.

एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘वे इस साल भी ये स्टॉल लगाने में रुचि रखते थे, पैसे का भुगतान किया गया था और बुकिंग भी हुई थी, लेकिन बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए हम पैसे वापस कर रहे हैं और उनसे मेले में हिस्सा न लेने की अपील कर रहे हैं. अगर उनकी भागीदारी के कारण कोई परेशानी होती है तो यह शर्मनाक और अवांछनीय होगा. अगर उन्हें यहां कोई परेशानी होती है तो यह हमारे लिए बेइज्जती की बात होगी.’

अखबार द्वारा संपर्क करने पर मेला समिति के अध्यक्ष बीएमसी मेयर कृष्ण चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है.’

बिधाननगर मेला उत्सव शहर के सबसे लोकप्रिय मेलों में से एक रहा है. जब वाम मोर्चा सत्ता में था, तब यह मेला एक एनजीओ द्वारा आयोजित किया जाता था. 2011 में तत्कालीन बिधाननगर नगर पालिका ने मेले को अपने नियंत्रण में ले लिया और 2015 में अपने गठन के बाद से बीएमसी इसका आयोजन कर रही है.

बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार के खिलाफ 9 दिसंबर को कोलकाता में आयोजित विरोध प्रदर्शन में ढाकाई जामदानी साड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था.

इसके अलावा दुर्गापुर में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी, जहां दुर्गापुर महोत्सव में विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें दो व्यापारियों ने बांग्लादेशी झंडों के साथ साड़ियां बेचने के लिए स्टॉल लगाए थे.