असम-यूपी: प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौत, राहुल गांधी बोले- लोकतंत्र की हत्या

भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और असम में बुधवार को अलग-अलग प्रदर्शनों के दौरान दो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मौत को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या क़रार दिया.

प्रभात और मृदुल इस्लाम. (फोटो साभार: एक्स/@priyankagandhi)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य उत्तर प्रदेश और असम में प्रदर्शन के दौरान बुधवार (18 दिसंबर) को एक ही दिन दो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की मौत के चलते कांग्रेस ने भाजपा को निशाने पर लिया है.

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या करार देते हुए सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में लिखा, ‘भाजपा शासित असम और उत्तरप्रदेश में लोकतंत्र और संविधान की फिर से हत्या हुई है. देश भर में कांग्रेस पार्टी बाबासाहेब और संविधान के समर्थन में सत्याग्रह कर रही है. इस दौरान अत्यधिक पुलिस बल के कारण गुवाहाटी में मृदुल इस्लाम और लखनऊ में प्रभात पांडे, हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मृत्यु बहुत दुखद और निंदनीय है.’

राहुल गांधी ने शोकाकुल प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इन परिवारों को पूरे न्याय का अधिकार है. कांग्रेस के बब्बर शेर सत्य और संविधान के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.

मालूम हो कि बुधवार को कांग्रेस पार्टी अमित शाह के बाबासाहेब आंबेडकर पर दिए बयान, अडानी मुद्दे और मणिपुर हिंसा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही थी. इस दौरान पार्टी सभी राज्यों के राजभवन तक मार्च निकाल रही थी, तभी प्रदर्शन के दौरान हंगामा होने पर लखनऊ में युवा कांग्रेस नेता प्रभात पांडेय की मौत हो गई.

वहीं, असम के गुवाहटी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके, जिससे दम घुटने से पार्टी के असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के कानूनी सेल के सचिव मृदुल इस्लाम की जान चली गई.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने सुबह करीब 10:30 बजे गुवाहाटी के लतासिल से राजभवन की ओर मार्च करना शुरू किया था. मृदुल भी हजारों प्रदर्शनकारियों में से एक थे. पुलिस द्वारा मार्च को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद उन्होंने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें पहले पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) के लिए रेफर कर दिया. जीएमसीएच ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई.

इस संबंध में कांग्रेस ने प्रदर्शनकारियों के ‘शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक’ प्रदर्शन पर ‘अधिक बल’ प्रयोग का आरोप लगाया है. गुवाहाटी के लतासिल थाने में सौंपी गई एक शिकायत में, कांग्रेस ने मांग की है कि बल के अत्यधिक और गैरकानूनी प्रयोग के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाए, जो सीधे तौर पर एक निर्दोष नागरिक की मौत का कारण बनी.

पार्टी ने इस आरोप से भी इनकार किया है कि विरोध मार्च पुलिस की अनुमति के बिना आयोजित किया गया था. पार्टी के अनुसार, इस संबंध में पार्टी महासचिव द्वारा पुलिस आयुक्तालय को एक पत्र सौंपकर प्रदर्शन के बारे में सूचित किया था.

असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस घटना की ‘उच्च स्तरीय जांच’ की मांग की है. बोरा ने द हिंदू को बताया कि मृदुल इस्लाम की मृत्यु नहीं हुई, बल्कि हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करके उनकी हत्या कर दी.

इस बीच, विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे कई पत्रकार भी आंसू गैस से प्रभावित हुए, जिसके बाद गौहाटी प्रेस क्लब ने इस घटना की निंदा की.

एक बयान में प्रेस क्लब ने कहा, ‘गौहाटी प्रेस क्लब नागरिक और पुलिस प्रशासन अधिकारियों से आग्रह करता है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. भीड़ नियंत्रण या कानून व्यवस्था में लगे पुलिस और अन्य कर्मियों को ऐसी स्थितियों से अधिक कुशलता से निपटने और अपने पेशेवर कर्तव्य के लिए साइट पर मौजूद लोगों को चोट या नुकसान पहुंचाए बिना प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.’

वहीं, उत्तर प्रदेश की घटना में गोरखपुर के 28 वर्षीय मूल निवासी और युवा कांग्रेस नेता प्रभात पांडे की कथित तौर पर पुलिस के साथ झड़प के बाद लखनऊ में मौत हो गई.

पुलिस अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें कांग्रेस कार्यालय से हजरतगंज के सिविल अस्पताल में मृत लाया गया था.

डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा कि प्रभात, जिसकी पहचान दीपक पांडे के बेटे के रूप में की गई है, को शाम 5 बजे जब अस्पताल लाया गया तो उसके शरीर पर कोई चोट नहीं थी. एक पैनल द्वारा उनके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी. इसके आधार पर आगे कानूनी कार्रवाई होगी.

इस संबंध में कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा, ‘प्रभात की हत्या की गई है. उन्हें पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा गया. हम इस घटना को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. योगी सरकार को मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को मुआवजे के रूप में सरकारी नौकरी देनी चाहिए.’

गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में इन मौतों के लिए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

प्रियंका ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में व्याप्त कुशासन के खिलाफ विधानसभा घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस की बर्बरता ने हमारे एक कार्यकर्ता की जान ले ली. गोरखपुर के युवा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पाण्डेय जी की मौत अत्यंत हृदयविदारक है.’

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की सरकारों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जिस तरह दमनकारी कार्रवाई की है, वह अंग्रेजी राज की याद दिलाता है. भाजपा संसद में बाबा साहेब पर हमला कर रही है और सड़कों पर उनके संविधान को कुचल रही है.’