आंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंची, अमित शाह को ‘ये शब्द’ वापस लेने चाहिए: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में अपनी टिप्पणी से संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आंबेडकर के नाम पर वोट बैंक राजनीति करने का आरोप लगाया.

बसपा प्रमुख मायावती. (फोटो साभार: ट्विटर/@Mayawati)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में अपनी टिप्पणी से संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने भाजपा नेता से अपने शब्द वापस लेने को कहा.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि शाह को पश्चाताप करना चाहिए क्योंकि पूरे देश में उनके खिलाफ गुस्सा और आक्रोश है.

मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ भीमराव आंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों ने बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को बहुत ठेस पहुंचाई है और एक तरह से उनका अपमान किया है. अब पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है और उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए. अन्यथा, उनके (बीआर आंबेडकर) अनुयायी इसे कभी नहीं भूल पाएंगे, ठीक उसी तरह जैसे वे डॉ बीआर आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के कुकृत्यों को नहीं भूल पाए हैं.’

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने कहा कि भारत के कमजोर वर्ग अपने वोट के लिए कांग्रेस और भाजपा की राजनीति देख रहे हैं, लेकिन अब उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता.

मायावती ने कहा, ‘पिछले दो दिनों से लोकसभा में दलितों और अन्य वंचित वर्गों के वोट के लिए सरकार और विपक्ष के बीच चल रही राजनीति, उनका ‘मेरा आंबेडकर बनाम मेरा आंबेडकर’ और सदन के बाहर उनकी धक्का-मुक्की अच्छी नहीं लगती.’

मायावती ने कहा, ‘देश में संविधान लागू होने के बाद से कांग्रेस नहीं बदली है. इसने आंबेडकर को कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और उनके खिलाफ साजिश रची. यह अभी भी कमजोर वर्गों को संविधान के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित रखना चाहती है.’

उन्होंने कहा, ‘और मुझे नहीं लगता कि इस मामले में भाजपा कांग्रेस से पीछे रहेगी. वे भी इस समुदाय (अनुसूचित जाति) के मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीति करते रहते हैं. चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, वे वास्तव में आंबेडकर का सम्मान नहीं करते.’

ज्ञात हो कि 17 दिसंबर को राज्यसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा था, ‘अभी एक फैशन हो गया है …आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’

बुधवार को अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने बीआर आंबेडकर को भारत रत्न न देकर उनका अपमान किया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार ने आखिरकार 1990 में उन्हें यह पुरस्कार दिया.