संसद के शीतकालीन सत्र का समापन: हंगामे के बीच दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

संसद के शीतकालीन सत्र का समापन हंगामे के बीच हुआ. भाजपा सांसदों को चोट पहुंचाने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसके खिलाफ विपक्षी नेताओं ने एकजुटता दिखाई है.

विपक्षी संसदों का प्रदर्शन (फोटो साभार: एक्स/प्रियंका गांधी)

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, शुक्रवार (20 दिसंबर) को दोनों सदनों को शुरू होने के तुरंत बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. यह निर्णय भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच डॉ. भीम राव आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर हुए विवाद और हंगामे के कारण लिया गया.

भारी हंगामे के बीच लोकसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) को भेजा.

इससे पहले संसद में गुरुवार (19 दिसंबर) को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद के गेट पर किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन या विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. स्पीकर के मुताबिक़, यह निर्णय संसद की गरिमा बनाए रखने और इसकी कार्यवाही में व्यवधान रोकने के उद्देश्य से लिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्पीकर के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल, सांसद या सांसदों के समूह को संसद भवन के किसी भी गेट पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं होगी.

राहुल गांधी पर एफआईआर

गुरुवार को संसद परिसर में विपक्षी और एनडीए सांसदों के बीच डॉ. आंबेडकर को लेकर विवाद बढ़ गया था. आरोप है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों को धक्का दिया, जिससे भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों घायल सांसदों का हालचाल लिया.

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. उन पर धारा 117, 115, 125, 131, 351 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है.

कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने एफआईआर के खिलाफ बयान दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है, ‘वे इतने हताश हो गए हैं कि राहुल जी पर झूठा एफआईआर दर्ज करा रहे हैं. राहुल जी कभी किसी को धक्का नहीं दे सकते हैं, यह बात मैं और पूरा देश जानता है, लेकिन भाजपा राहुल जी पर आधारहीन एफआईआर दर्ज करा रही है. देश के सामने भाजपा की सच्चाई आ गई है, वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते, अंबेडकर जी का अपमान करते हैं. इसलिए अब वह देश का ध्यान भटकाना चाह रहे हैं.’

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा है, ‘संसद परिसर में मकर द्वार के सामने जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह एक सुनियोजित साजिश थी. 17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब को लेकर अपमानजनक बातें कही थी और उससे ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया गया. जबकि गृह मंत्री के अपमानजनक बयान पर पूरे विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. नेता प्रतिपक्ष श्री खरगे ने पीएम मोदी से मांग की थी कि गृह मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए. हमने मांग भी रखी थी कि अमित शाह माफी मांगें. अब इस घटनाक्रम में जो एफआईआर दर्ज हुई है, वह राहुल गांधी जी के खिलाफ नहीं है, बल्कि अंबेडकर जी और सामाजिक न्याय के खिलाफ है.’

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है, ‘भाजपा के सदस्य झूठा एफआईआर कर रहे हैं. हमारी चुनौती है कि वे एक वीडियो भी दिखा दें जहां राहुल गांधी जी घायल सांसद के कहीं आसपास भी खड़े हों. आप देखिए किस तरह डंडे में झंडा लगाकर उन्हें लहराया जा रहा था, किस तरह मल्लिकार्जुन खरगे जी और राहुल गांधी जी के साथ धक्का-मुक्की की गई. महिला सांसदों को सदन के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया. उनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई. लेकिन कुछ भी हो जाए, हमे लाठियां भी खानी पड़ जाए, तब भी हम अंबेडकर जी का अपमान नहीं होने देंगे.

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है, ‘भाजपा द्वारा राहुल गांधी जी पर किया गया एफआईआर बेकार की बात है. अमित शाह ने जिस तरह से बाबा साहेब को अपमानित किया है, भाजपा उस मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है. लेकिन देश की जनता इनके झांसे में नहीं आने वाली, वो सच्चाई जानती है.’

शिवसेना (उद्धव) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा है, ‘भाजपा द्वारा किया गया एफआईआर ध्यान भटकाने का तरीका है. राहुल जी डरते नहीं हैं, न हम में से कोई डरता है. हमारी मांग यही है कि गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दें, क्योंकि उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर जी का अपमान किया है.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा के आरोपों को ख़ारिज किया है और सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें संसद के प्रवेश द्वार पर रोकने और धमकाने की कोशिश की. राहुल ने गुरुवार को कहा था, ‘मुझे अंदर जाने से रोका गया, धक्का दिया गया और धमकी दी गई. यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है. भाजपा संविधान पर हमला कर रही है और आंबेडकर जी की स्मृति का अपमान कर रही है.’

खरगे ने की है जांच की मांग

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर भाजपा सांसदों पर उन्हें शारीरिक रूप से धक्का देने का आरोप लगाया था. खरगे ने कहा था कि इस घटना में उनके घुटने चोटिल हो गए, और वे बमुश्किल सदन तक पहुंच सके. उन्होंने इसे हमला करार देते हुए इसकी जांच की मांग की था.

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों केसी वेणुगोपाल, माणिकम टैगोर और के सुरेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर भाजपा सांसदों के ‘अलोकतांत्रिक आचरण’ की शिकायत की था. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के साथ धक्का–मुक्की उनके सांसद होने के अधिकारों का उल्लंघन है.

कांग्रेस सांसदों ने अपने पत्र में लिखा, ‘राहुल गांधी को शारीरिक रूप से रोका गया, जो न केवल उनके व्यक्तिगत सम्मान पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र की भावना के भी खिलाफ है. भाजपा सांसदों का यह आचरण अस्वीकार्य है.’