नई दिल्ली: मुंबई में बीते 18 दिसंबर को हुई नाव दुर्घटना मामले में मरने वालों की संख्या 15 पहुंच गई है. मरने वालों में आठ पुरुष, चार महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं. वहीं, इस हादसे में अन्य दो लोग घायल हो गए हैं. इस दुर्घटना को मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र में हुई सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, ये हादसा नौसेना के पोत के यात्री नाव ‘नील कमल’ से टकरा जाने के बाद हुआ था. यह यात्री नाव मुंबई के गेटवे ऑफ़ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप जा रही थी, जब इंजन परीक्षण के दौरान नौसेना का पोत़ इससे टकरा गया. इस दुर्घटना में पोत और नाव दोनों पर सवार कुल 113 लोगों में से 98 को बचा लिया गया, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं.
इस दुर्घटना में लापता छह वर्षीय बच्चे का शव शनिवार (21 दिसंबर) को नौसेना कर्मियों को मुंबई बंदरगाह के अंदर मिला, जिसकी पहचान जोहान मोहम्मद निसार अहमद पठान के रूप में हुई.
पुलिस अधिकारियों ने अखबार को बताया कि महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) ने नाव को सिर्फ 84 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों को सवार होने की अनुमति दी गई थी. लेकिन इसे क्षमता से अधिक यानी ओवरलोड किया गया था, जो अंतर्देशीय अधिनियम का उल्लंघन है. इसे लेकर एमएमबी ने नौका का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
वहीं नेवी के पोत चालक के खिलाफ भी कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत लापरवाही से मौत, दूसरों की निजी सुरक्षा या जिंदगी खतरे में डालने, लापरवाही से नाव चलाने की धाराएं शामिल हैं.
अधिकारी ने आगे कहा कि नौसेना ने पोत को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच के लिए जरूरत पड़ने पर पोत को पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
नौसेना ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना की नौका पर छह लोग सवार थे, जिनमें से दो को बचा लिया गया.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (18 दिसंबर) को इस हादसे की जानकारी देते हुए बताया था कि हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने मरने वालों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का भी एलान किया था.
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हादसे पर संवेदना व्यक्त की थी.
पीएम कार्यालय ने मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया था. घायलों को 50 हज़ार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.