नई दिल्ली: साल 2024 अलविदा कहने को है और नया साल 2025 दस्तक देने को है. इस साल खेल जगत में भारत के लिए क्या कुछ खास रहा, क्या उपलब्धियां हासिल की और किन खिलाड़ियों ने सुर्खियों में अपने लिए जगह बनाई. इस सब पर एक नज़र…
क्रिकेट में भारत ने जीता टी20 विश्व कप 2024 का खिताब
देश में जो खेल सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, वो क्रिकेट है. इस साल अरसे बाद भारतीय टीम ने पिछले 11 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त कर टी20 विश्व कप को अपने नाम किया. इस जीत ने हर भारतीय के दिल को गर्व से भर दिया था और आंखें नम कर दी थीं.
भारतीय टीम ने 30 जून 2024 को रोहित शर्मा की कप्तानी में बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से मात देकर टी20 विश्व कप का खिताब जीता था. इससे पहले भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में साल 2007 में टी20 विश्व कप का उद्घाटन संस्करण जीता था. इस विश्व कप को जीतने के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने टी20 फॉर्मेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी.
भारतीय हॉकी टीम का एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में दिखा जलवा
इस साल सितंबर के महीने में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए 5वीं बार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय हॉकी टीम फाइनल तक एक भी मैच नहीं हारी. फाइनल में भी टीम ने मेज़बान चीन को 1-0 से मात देकर जीत हासिल की थी. भारत की तरफ से जुगराज सिंह ने गोल दागा. इस गोल की वजह से भारत ने ये खिताब जीता.
ये मैच इतना रोमांचक था, कि इसमें काफी समय तक दोनों टीमों की तरफ से कोई भी गोल नहीं कर पाया था. फिर मैच खत्म होने के कुछ मिनट पहले ही भारत के लिए जुगराज सिंह ने गोल किया. इसी गोल की वजह से भारतीय हॉकी टीम खिताब जीतने में सफल रही. पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन के लिए हरमनप्रीत सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड मिला था.
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए रही खट्टी-मिठी यादें
पेरिस ओलंपिक में इस साल भारत ने कुल 6 पदक जीते, जिसमें 1 रजत और 5 कांस्य पदक रहे. भारत को पहला पदक शूटर मनु भाकर ने दिलाया. ये पदक महिला 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक का रहा. इसके बाद उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता.
तीसरा कांस्य पदक स्वप्निल कुसाले ने भारत के लिए शूटिंग की पुरुषों 50 मीटर राइफल थ्रो पोजीशन में जीता. इसके बाद पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया. जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा चोटिल होने के बावजूद रजत पदक जीतने में सफल रहे. वहीं, रेसलर अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किलो फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता.
हालांकि, इस बार भारत ओलंपिक में जिस एक जरूरी पदक चूक गया, जो शायद गोल्ड भी हो सकता था, वो कुश्ती में विनेश फोगाट का पदक था. उन्हें करीब 100 ग्राम के अधिक वजन के चलते स्वर्ण पदक के मैच से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, विनेश फोगाट ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल तक पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं. उन्होंने 6 अगस्त को एक दिन में तीन मुकाबले जीत कर इतिहास रच दिया था.
हरियाणा के बलाली गांव की विनेश पेरिस ओलंपिक के फाइनल में अपने ऐतिहासिक कुश्ती मैच से चूक गईं, लेकिन उन्होंने निरंतर कुचले जा रहे राष्ट्र को विश्वास दिला दिया कि हम सबसे क्रूर शासक को भी परास्त कर सकते हैं. दिल्ली के जंतर मंतर पर बिताई भीषण गर्मियों की रातों से लेकर पेरिस के स्वर्ण मेडल मुकाबले तक की उनकी यात्रा राष्ट्रीय इतिहास का दमकता पन्ना है. उनकी कथा हमारा सामूहिक स्वप्न है. उनकी इस यात्रा के साक्षी बरसों बाद अपनी आगामी पीढ़ियों को बताया करेंगे कि वे विनेश फोगाट के समकालीन थे.
पैरालंपिक एथलीटों का भी दिखा दम
पैरालंपिक खेलों में इस साल भारत का प्रदर्शन बेहद खास रहा. इन खेलों में भारत ने सात स्वर्ण सहित कुल 29 पदक जीत कर इतिहास रच दिया. ये पैरालंपिक खेलों में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों ने टोक्यो 2020 खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 19 पदक हासिल किए थे जिसमें 5 स्वर्ण पदक थे.
इस साल अवनी लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल में 30 अगस्त को पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत को पहला गोल्ड दिलाया था. अवनी ने लगातार दूसरी बार पैरालंपिक में गोल्ड पदक जीता था. अवनी के अलावा हरविंदर सिंह, नीतेश कुमार, सुमित अंतिल, प्रणव सूरमा, धरमबीर और नवदीप सिंह ने देश के लिए गोल्ड जीता.
रोहन बोपन्ना ने जीता ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024 का खिताब
टेनिस में भी भारत के लिए ये साल अच्छा रहा. इस साल रोहन बोपन्ना 43 साल की उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज पुरुष खिलाड़ी बने. उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024 के पुरुषों डबल्स का खिताब जीता. फाइनल मैच में रोहन-एब्डेन की जोड़ी ने इटली के सिमोन बोलेली और वावसोरी को मात दी थी.
रोहन बोपन्ना ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. इससे पहले लिएंडर पेस और महेश भूपति ही भारत के लिए पुरुष टेनिस में ये मुकाम हासिल कर पाए हैं, जबकि सानिया मिर्जा ने महिला टेनिस में यह उपलब्धि हासिल की है.
ज्ञात हो कि रोहन बोपन्ना 2013 में और फिर 2023 में यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन फाइनल में हार गए थे. रोहन बोपन्ना के नाम अब तक सिर्फ एक ग्रैंड स्लैम खिताब है, जो उन्होंने 2017 में फ़्रेंच ओपन में मिश्रित युगल में कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ जीता था.
मालूम हो कि रोहन बोपन्ना इस साल पुरुष युगल की रैंकिंग में नंबर-एक पायदान पर भी पहुंचे और उन्हें प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार के लिए भी चुना गया था.
शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन बना भारत
इस साल के अंत में, दिसंबर महीने में शतरंज की दुनिया में भारत का एक नया नाम गुकेश डी सर्वोच्च शिखर पर पहुंचा. गुकेश ने मात्र 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया. वे सबसे कम उम्र में चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले प्लेयर बने हैं.
उन्होंने यह असाधारण उपलब्धि चीन के डिंग लिरेन को हराकर हासिल की. इस जीत के साथ ही भारत ने 11 साल बाद यह खिताब एक बार फिर से अपने नाम किया. इससे पहले केवल विश्वनाथन आनंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी.