नई दिल्ली: भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को 1996 से मुफ्त इलाज दे रहे सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक ने घोषणा कर दी है कि वह घन की कमी के कारण अपनी सेवाएं बंद कर रहा है. पीड़ितों के लिए क्लीनिक का बंद होना एक नए हादसे की तरह है. 30 दिसंबर को पीड़ितों के एक संगठन ‘यूनियन कार्बाइड जहर पीड़ित इलाज अधिकार मोर्चा’ ने एक प्रेस वार्ता की, जिसमें सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक के फॉरेन कॉन्ट्रिब्युशन रेग्युलेशन एक्ट (एफसीआरए) रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक को हटाने की मांग की गई.
बता दें कि 24 दिसंबर को सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक ने घोषणा की थी कि ‘सम्भावना ट्रस्ट के प्रबंधक न्यासी ने खेदपूर्वक घोषणा की है कि धन की कमी के कारण भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को वर्ष 1996 से सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक द्वारा दिया जा रहा विशेष और निःशुल्क इलाज, 31 दिसम्बर 2024 के बाद निलंबित कर दिया जाएगा.’
हालांकि, ट्रस्ट ने यह भी जोड़ा था कि यदि 2 फरवरी, 2023 को प्रस्तुत एफसीआरए के तहत पुनः पंजीकरण के लिए ट्रस्ट का आवेदन, गृह मंत्रालय द्वारा स्वीकृत हो जाता है, तो ट्रस्ट सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक का काम फिर से शुरू कर सकेगा.
ट्रस्ट के मुताबिक, 2019 में जब ट्रस्ट का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया था उस समय ट्रस्ट को 45 देशों के 30 हजार व्यक्तिगत दानदाताओं से इलाज के लिए पैसा मिल रहा था.
पीड़ितों के संगठन का क्या कहना है?
इलाज अधिकार मोर्चा ने एफसीआरए के तहत पंजीकरण के लिए सम्भावना ट्रस्ट के आवेदन के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए कहा है कि वह 1 जनवरी, 2025 से क्लिनिक के परिसर में अनिश्चितकालीन धरना देगा.
इलाज अधिकार मोर्चा द्वारा 16 दिसम्बर, 2024 को गृह मंत्री को भेजे गए पत्र की प्रतियां साझा करते हुए, क्लिनिक में इलाज लेने वाले गैस पीड़ित नाथूराम सोनी ने कहा, ‘सम्भावना क्लिनिक 40 से अधिक देशों के हजारों आम व्यक्तियों के छोटे-छोटे दान से चलता है और ये दान क्लिनिक तक नहीं पहुंच रहे हैं क्योंकि गृह मंत्रालय एफसीआरए के तहत पंजीकरण देने में बहुत ज़्यादा समय ले रहा है. हमने गृह मंत्री को ध्यान दिलाया है कि सम्भावना ट्रस्ट का एफसीआरए के तहत पंजीकरण का आवेदन फरवरी 2023 की शुरुआत से लंबित है.’
सम्भावना ट्रस्ट द्वारा सलाहकार के रूप में नियुक्त डॉ. सतीनाथ षड़ंगी ने कहा, ‘सम्भावना क्लिनिक की आयुर्वेद और योग विधियों के साथ आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण पर आधारित विशेष इलाज मिथाइल आइसोसाइनेट और यूनियन कार्बाइड के अन्य जहरों की वजह से होने वाली बहु-तन्त्रीय क्षतियों के लिए विशेष रूप से प्रभावी पाई गई है. क्लिनिक के बंद होने से दीर्घकालिक इलाज के लिए पंजीकृत 37,000 से अधिक रोगियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. साथ ही 30,000 से अधिक पीड़ितों की आबादी को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्य के लाभों से वंचित करेगा जिसमें मलेरिया और डेंगू का उन्मूलन, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का जल्द पता लगाना और टीबी की बीमारी की दर में कमी लाना शामिल है.’
सम्भावना क्लिनिक में इलाज के सकारात्मक अनुभव को साझा करते हुए, इलाज अधिकार मोर्चा की एक कार्यकर्ता, बानो बी ने कहा, ‘सम्भावना क्लिनिक की ख़ास इलाज की वजह से ही मैं, यूनियन कार्बाइड द्वारा मुझे दी गई कई बीमारियों और मेरी उम्र के बावजूद, चल फिर रही हूं. मेरी तरह, हजारों लोगों को सम्भावना से फ़ायदा पहुंचा है और उनमें से सैकड़ों ने गृह मंत्री को पोस्टकार्ड लिखे हैं और मुझे यकीन है कि बड़े तादाद में लोग धरने में शामिल होंगे. हम सरकार को हमदर्दी पर पाबंदी नहीं लगाने देंगे और हम सुनिश्चित करेंगे कि सम्भावना ट्रस्ट को जल्द ही अपना एफसीआरए पंजीकरण मिल जाए. हम दुनिया भर के लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे दुनिया के भीषणतम औद्योगिक हादसे की पीड़ित, जिन्हें अभी भी विशेष इलाज की ज़रुरत है, के लिए नया साल उम्मीदों भरा बनाने में हमारी मदद करें.’