नई दिल्ली: भाजपा विधायक सुरेश धास ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के बीड जिले में लंबे समय से अधिकांश सरकारी पदों पर ‘केवल एक ही समुदाय’ के अधिकारी काबिज हैं, जिससे अन्य समुदायों को लगता है कि उनकी अनदेखी की जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, विधायक ने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया.
विधायक ने गुरुवार (3 जनवरी) को संवाददाताओं से कहा, ‘बीड जिले में अधिकांश प्रमुख सरकारी पदों पर केवल एक ही समुदाय के अधिकारी काबिज हैं….सरकार को एक ढांचे का पालन करना होता है, लेकिन केवल एक समुदाय के अधिकारियों की अधिकता से संकेत मिलता है कि इस ढांचे का यहां बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है.’
धास का यह बयान पिछले महीने मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की पृष्ठभूमि में आया है. देशमुख मराठा थे, जबकि मामले के आरोपी वंजारी समुदाय से हैं.
सरपंच देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में उनके सहयोगी वाल्मीक कराड की कथित संलिप्तता को लेकर एनसीपी नेता और राज्य मंत्री धनंजय मुंडे पर विपक्षी नेताओं द्वारा निशाना साधे जाने के बारे में पूछे जाने पर धास ने कहा, ‘मैंने कभी उनका नाम नहीं लिया या उनके इस्तीफे की मांग नहीं की.’
भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर बीड के सरकारी वकील को हटाने का अनुरोध किया है, जिन्होंने 31 दिसंबर को गिरफ्तारी के बाद कराड को अदालत में पेश किए जाने पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया था.
धास ने कहा, ‘मैं मांग करता हूं कि गिरफ्तार आरोपियों (देशमुख हत्या और जबरन वसूली के मामलों में) को बीड जिले में न रखा जाए, क्योंकि वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उन्हें छत्रपति संभाजीनगर जिले की हरसुल जेल या नासिक जेल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.’
बीड से एनसीपी (एसपी) सांसद बजरंग सोनावणे के इस आरोप पर कि कराड के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज होने के अगले दिन कराड को धनंजय मुंडे के बीड कार्यालय में देखा गया था, धास ने कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर यह सच है, तो मंत्री अपने पद पर नहीं रह सकते.’