नई दिल्ली: बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह पटना में आमरण अनशन शुरू करने वाले प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि पुलिस किशोर को मेडिकल जांच के लिए शहर के एम्स ले गई है. किशोर एक चुनाव सलाहकार हैं और उन्होंने जन सुराज नामक संगठन की स्थापना की है.
समाचार एजेंसी ने जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के हवाले से कहा कि गांधी मैदान में किशोर का धरना ‘अवैध’ था. सिंह के हवाले से कई ख़बरों में कहा गया है कि यह स्थल प्रतिबंधित है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने स्थल खाली करा लिया है. स्थल पर पुलिस की कार्रवाई के कुछ वीडियो में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग करते हुए दिखाया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह ने कहा, ‘हां, गांधी मैदान में धरने पर बैठे किशोर और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पटना पुलिस ने गांधी मैदान में आमरण अनशन करने के लिए किशोर के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
किशोर ने 2 जनवरी को अपना अनशन शुरू किया था, तीन दिन पहले बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को परीक्षा रद्द करने के लिए ’48 घंटे का अल्टीमेटम’ दिया था.
ज्ञात हो कि पेपर लीक के आरोपों के कारण पूरे बिहार में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है.
पीटीआई के अनुसार, किशोर ने अपना अनशन शुरू करते हुए कहा था, ‘मेरी प्राथमिक मांग निश्चित रूप से 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा को रद्द करना और एक नई परीक्षा आयोजित करना है. मैंने यह भी आरोप सुने हैं कि परीक्षा द्वारा भरे जाने वाले पदों को वस्तुतः बिक्री के लिए रखा गया था. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.’
मालूम हो कि 13 दिसंबर को कुल 2035 सीट के लिए बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा राज्य भर के 912 केंद्रों पर ली गई थी. पटना स्थित एक परीक्षा केंद्र- बापू परीक्षा भवन में छात्रों द्वारा ‘पेपर लीक’ के आरोप लगाए जाने के बाद परीक्षा सुचारू ढंग से संपन्न नहीं हो पाई. अन्य केंद्रों पर परीक्षा दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक संपन्न हुई थी.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस बीच, प्रशांत किशोर के अधिवक्ता शिवानंद गिरी ने कहा, ‘पुलिस ने रात में प्रशांत किशोर को गिरफ़्तार किया. हमने उनकी ज़मानत याचिका तैयार की थी… कोर्ट ने ज़मानत तो दे दी है लेकिन शर्त है कि उन्हें 25 हज़ार का बॉन्ड भरना होगा और लिखकर देना होगा कि वो दोबारा ऐसा अपराध नहीं करेंगे. ऐसा लिखने का मतलब होगा कि उन्होंने अपराध किया है लेकिन विरोध करना हमारा मौलिक अधिकार है… हमने कहा कि ये आदेश हमें स्वीकार्य नहीं है. हमने कोर्ट से शर्त हटाने का अनुरोध किया. कोर्ट ने मना कर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा है कि वो बॉन्ड नहीं भरेंगे. ऐसे में उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.’