नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का अनुषंगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) दिल्ली में बड़े पैमाने पर हथियार बांट रहा है.
द वायर हिंदी ने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि विहिप योजनाबद्ध तरीके से दिल्ली के 50 हजार युवाओं को त्रिशूल दे रहा है, जिसमें कम उम्र के लड़के भी शामिल हैं.
अब विहिप महिलाओं को हथियारबंद कर रहा है. इस माह यह संगठन 20 हज़ार से ज्यादा महिलाओं को ‘शस्त्र दीक्षा समारोह’ के तहत कटार दे रहा है. संगठन के वरिष्ठ नेता दावा करते हैं कि यह संख्या बढ़ सकती है, लेकिन कम नहीं होगी.
दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है. 17 जनवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है. 5 फरवरी को एक ही चरण में मतदान होगा और 8 फरवरी को मतों की गिनती होगी.
चुनाव के दौरान बांटे जायेंगे हथियार
‘शस्त्र दीक्षा समारोह’ का आयोजन विहिप अपने महिला संगठन ‘मातृशक्ति-दुर्गावाहिनी’ के झंडे तले कर रहा है. समारोह की शुरुआत 12 जनवरी (स्वामी विवेकानंद की जयंती) से हो रही है. पहला समारोह नई दिल्ली के पहाड़गंज स्थित नूतन मराठी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में होना है.
विहिप के दिल्ली प्रांत के मंत्री सुरेंद्र गुप्ता के मुताबिक, ‘12 जनवरी को दो हज़ार से ज्यादा कटार बांटे जाएंगे. इसके बाद 15 फरवरी तक दिल्ली के हर जिले में ‘शस्त्र दीक्षा समारोह’ किया जाएगा और 20 हज़ार से ज्यादा कटार बांटे जाएंगे.’ वहीं, प्रांत संगठन मंत्री सुबोध चंद्र का कहना है, ‘12 तारीख़ को तीन हज़ार कटार बांटे जाएंगे और कुल 30 हज़ार कटार बांटने की योजना है.’
दुर्गावाहिनी की प्रांत संयोजिका अरुणा राठौर के मुताबिक़, ‘दुर्गावाहिनी की एक सदस्य को 25 महिलाओं को शस्त्र दीक्षा समारोह से जोड़ने का दायित्व दिया गया है. बहनों को बताना है कि शस्त्र लेना क्यों जरूरी है. जैसे ‘मां दुर्गा’ के हाथ तलवार होती है, वैसे ही दिल्ली की बहनों के हाथ में तलवार का छोटा स्वरूप कटार होगा.’
विहिप के दिल्ली प्रांत कार्यालय में कार्यक्रम की तैयारी में जुटीं दुर्गावाहिनी की चित्रा शस्त्र की ज़रूरत पर जोर देते हुए बताती हैं, ‘हम मार्केट या कॉलेज जाते हैं और मुस्लिम बहुल्य इलाकों से गुजरना होता है, वहां बहुत तरह की गतिविधियां हो रही होती हैं. अगर हमारे पास शस्त्र होगा तो हम सुरक्षित महसूस करेंगे. इसके अलावा हम पास-पड़ोस की बहनों को भी सुरक्षित रख पाएंगे.’
सुरेंद्र गुप्ता कहते हैं, ‘जैसे हमने दिल्ली में बजरंग दल का त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम किया. वैसे ही हम दिल्ली की किशोरियों, युवतियों और महिलाओं के लिए शस्त्र दीक्षा का कार्यक्रम कर रहे हैं.’
राठौर बताती हैं, ‘12 तारीख के बाद हम दिल्ली की छोटी-छोटी बस्तियों में जायेंगे. सभी सनातनी बहनों तक पहुंचेंगे. पढ़ाई कर रही छात्राओं को भी शस्त्र देंगे.’
पहली बार कटार बांटेगा विहिप
विहिप महिलाओं/पुरुषों को त्रिशूल बांटता रहा है. लेकिन कटार पहली बार बांट रहा है. गुप्ता बताते हैं, ‘त्रिशूल हम पहले भी बहनों को देते रहे हैं लेकिन कटार पहली बार दे रहे हैं. मुझे ध्यान में नहीं कि विहिप ने देश में कहीं और इस तरह का कार्यक्रम किया है.’
त्रिशूलों की तरह विहिप ने कटार के निर्माण में भी ख़ास ध्यान रखा है कि यह भारत के शस्त्र अधिनियम के दायरे में न आए. कटार की ख़ासियत बताते हुए प्रांत मंत्री कहते हैं, ‘कटार में पीछे की तरफ़ एक हत्था लगा हुआ है, ताकि उनको (महिलाओं को) ख़ुद को चोट न पहुंचे. आगे एक कवर (म्यान) लगा हुआ है.’ कटार को कृपाण की तरह धारण किया जा सकता है.
हथियार चलाने का प्रशिक्षण
इस हथियार को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. सुरेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘हम कटार चलाने की ट्रेनिंग सुनिश्चित करेंगे. हालांकि, इसके साथ ही मैं यह ज़रूर कहना चाहूंगा कि बहनों को बिल्कुल आपातकालीन स्थिति में ही उसका उपयोग करना है.’
प्रांत संगठन मंत्री सुबोध चंद्र ने कहा कि ‘दुर्गावाहिनी के वर्ग में बहनों को इसका प्रशिक्षण पहले से दिया जाता है. स्पेशल ट्रेनिंग होती है.’
दुर्गावाहिनी विहिप की इकाई है. दुर्गावाहिनी के बारे में विहिप ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है, ‘श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में महिला संगठन की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण रही. इसी योगदान को देखकर महिला विभाग की युवाशक्ति (दुर्गावाहिनी) के नाम से प्रारम्भ की गई.’