2जी मामला: वीडियोकॉन सरकार के ख़िलाफ़ करेगी 10 हज़ार करोड़ रुपये का मानहानि दावा

वीडियोकॉन के अनुसार, दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा. कंपनी को दूरसंचार सेवा कारोबार के लिए करीब 25 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा था.

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(फोटो साभार: विकिपीडिया)

वीडियोकॉन के अनुसार, दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा. कंपनी को दूरसंचार सेवा कारोबार के लिए करीब 25 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा था.

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नई दिल्ली: दूरसंचार कंपनी वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशंस 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद सरकार के ख़िलाफ़ 10 हज़ार करोड़ रुपये का मुआवज़ा दावा करने की योजना बना रही है. कंपनी से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.

कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के करीबी एक सूत्र ने कहा, ‘वीडियोकॉन टेलीकम्यूनिकेशंस सरकार के ख़िलाफ़ कम से कम 10 हज़ार करोड़ रुपये के मुआवज़े का दावा दायर करने की योजना बना रही है. नुकसान का अनुमान 10 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का है, कंपनी इसकी गणना कर रही है.’

उसने कहा, ‘कंपनी को दूरसंचार सेवा कारोबार के लिए करीब 25 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा था. दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने से उसे भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा.’

उल्लेखनीय है कि 2जी मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने 2008 के 2जी मोबाइल फोन सेवा लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा समेत सभी आरोपियों को 21 दिसंबर 2017 को बरी कर दिया है.

उच्चतम न्यायालय ने 2012 में एक आदेश में राजा के कार्यकाल के दौरान आवंटित 122 दूरसंचार लाइसेंस रद्द कर दिया था. उनमें से 15 लाइसेंस वीडियोकॉन के थे. उसने इनके लिए 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

उस फैसले के बाद वीडियोकॉन ने नीलामी में भाग लिया और नवंबर 2012 में उसे 1800 मेगाहर्ट्ज़ 2जी श्रेणी में बिहार, उत्तर प्रदेश पूर्व, उत्तर प्रदेश पश्चिम, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के लिए 2221.44 करोड़ रुपये में लाइसेंस खरीदा था.

हालांकि कंपनी स्पेक्ट्रम के बढ़ते ख़र्च के कारण कारोबार में टिक नहीं सकी और उसने अपना स्पेक्ट्रम पिछले साल एयरटेल को बेच दिया.

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के 2जी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी समेत 19 आरोपियों को बीते 21 दिसंबर को बरी कर दिया.

निदेशालय ने अंतिम रिपोर्ट में आरोपियों के रूप में 10 व्यक्तियों और नौ कंपनियों का नाम लिया था और धन शोधन रोकथाम कानून के उल्लंघन को लेकर आरोप पत्र में उनका नाम शामिल किया था.

विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी के अलावा 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है. मामले में बरी किए गए अन्य लोग हैं… दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका.

इसके अलावा यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह आरएडीएजी के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरी नायर, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ़ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी और पी. अमीरथम को आरोपमुक्त किया गया है.

इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों… स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस तमिलनाडु लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है. 2जी घोटाला मामला सामने आने के बाद स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)