उमर अब्दुल्ला ने ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेतृत्व और एजेंडे को लेकर स्पष्टता की कमी पर निराशा जताई

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व और एजेंडे के बारे में स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था तो इसे ख़त्म कर देना चाहिए.

उमर अब्दुल्ला. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेतृत्व और एजेंडे के बारे में स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था तो इसे समाप्त कर देना चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने प्रगति की कमी पर निराशा व्यक्त की और सवाल किया कि क्या यह गठबंधन संसदीय चुनावों से आगे भी कायम रहेगा.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘अगर यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था, तो इसे खत्म कर देना चाहिए और हम अलग-अलग काम करेंगे. लेकिन अगर यह विधानसभा चुनावों के लिए भी है, तो हमें एक साथ बैठकर सामूहिक रूप से काम करना होगा.’

उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक नेता सहित अन्य गुट के सदस्यों के बयानों से उत्पन्न अटकलों के बीच आई है, जिसमें कहा गया है कि यह गठबंधन केवल पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था.

ख़बरों के मुताबिक, इससे पहले बुधवार को जब राजद नेता तेजस्वी यादव से दिल्ली में आप और कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘यह असामान्य नहीं है. लोकसभा चुनाव में मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना था और ‘इंडिया’ ब्लॉक का गठबंधन उसी उद्देश्य तक सीमित था. ऐसी स्थिति में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव होना कोई असामान्य बात नहीं है.’

अब उमर अब्दुल्ला ने नेतृत्व और एक सुसंगत रणनीति पर स्पष्टता की कमी पर दुख जताते हुए कहा, ‘जहां तक ​​मुझे याद है, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी. मुद्दा यह है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक की कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है.’

अब्दुल्ला ने कहा कि शायद दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन की बैठक बुलाई जा सकती है, जिससे मुख्य नेतृत्व, पार्टी, उसके एजेंडे और भविष्य की रणनीति के बारे में कुछ ज़रूरी दिशा और स्पष्टता मिल सके. हालांकि, उन्होंने देरी की आलोचना करते हुए कहा कि इससे गठबंधन की प्रासंगिकता और एकजुटता कमज़ोर हुई है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, ‘यह गठबंधन जारी रहेगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है.’

अगले महीने होने वाले दिल्ली चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के लिए बढ़ते समर्थन पर एक सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने आप, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले से खुद को दूर कर लिया.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता, क्योंकि दिल्ली चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल तय करेंगे कि भाजपा से मजबूती से कैसे मुकाबला किया जाए.’

उन्होंने दिल्ली में आप की पिछली चुनावी सफलताओं को स्वीकार किया, लेकिन कोई भविष्यवाणी करने से परहेज किया. उन्होंने कहा, ‘आप को पहले भी दिल्ली में दो बार सफलता मिली है. इस बार हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि दिल्ली की जनता क्या फैसला करती है.’

सीनियर अब्दुला बोले: गठबंधन स्थायी

वहीं, उमर के पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन स्थायी है. यह हमेशा के लिए है. उन्होंने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, ‘गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं है. यह भारत को मजबूत करने और नफरत को खत्म करने के लिए है.’

फारूक ने कहा, ‘जो लोग मानते हैं कि यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए था, उन्हें इस गलतफहमी से बाहर आना चाहिए.’

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह उमर की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे या तेजस्वी यादव की टिप्पणियों का.

भाजपा को चुनौती देने के लिए संयुक्त मोर्चे के रूप में गठित ‘इंडिया’ ब्लॉक को पिछले आम चुनाव में बड़ी बढ़त मिली थी. हालांकि, इसके अस्पष्ट नेतृत्व ढांचे को लेकर गठबंधन के सदस्यों में असंतोष पनपने लगा और सवाल उठने लगे कि क्या मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ब्लॉक का नेतृत्व करने की पेशकश की है.