कांग्रेस की ज़िम्मेदारी है कि वह ‘इंडिया’ ब्लॉक को एकजुट रखे: संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने विपक्षी दलों के 'इंडिया' ब्लॉक के भविष्य को लेकर भी चिंता जताते हुए कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते ब्लॉक को एकजुट रखना कांग्रेस का ज़िम्मा है. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी.

संजय राउत. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह ‘इंडिया’ ब्लॉक को बरकरार रखे.

राउत का यह बयान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें उन्होंने ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेतृत्व और एजेंडे पर स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि अगर यह गठबंधन केवल 2024 के संसदीय चुनावों के लिए था, तो इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक,  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के निराशाजनक प्रदर्शन ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को संकेत दिया कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से एमवीए में कोई समन्वय नहीं रहा है.

राउत ने यह भी कहा कि ”इंडिया’ ब्लॉक को एकजुट रखना कांग्रेस की जिम्मेदारी है.’

राउत ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि नतीजों के बाद एमवीए में कोई समन्वय नहीं बचा है और अगर ऐसा होता रहा तो भविष्य में हम सभी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.’

उन्होंने केंद्र स्तर के गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन (इंडिया) ब्लॉक के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई और संकेत दिया कि एक बार टूट जाने के बाद गठबंधन में कभी सुधार नहीं हो सकता.

राउत ने पूछा, ”इंडिया’ ब्लॉक लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था और इसका कहीं भी विधानसभा चुनावों पर असर नहीं पड़ा. विभिन्न राज्यों में गठबंधन सहयोगियों ने स्वतंत्र रुख अपनाना शुरू कर दिया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’

उन्होंने कहा कि संसद में 100 से अधिक सांसदों वाली कांग्रेस को सभी दलों को एकजुट रखने की पहल करनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, ‘अगर नेताओं को लगता है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक किसी काम का नहीं है तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. गठबंधन में संवाद और चर्चा की कमी है. कांग्रेस पार्टी को अपना रुख साफ करना चाहिए कि ‘इंडिया’ ब्लॉक सिर्फ लोकसभा चुनावों तक सीमित था और अब इसका कोई अस्तित्व नहीं है. हालांकि, हमें चीजों को सुधारने और सुधार की गुंजाइश के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब तक लोकसभा चुनाव के बाद एक भी इस तरह की बैठक नहीं हुई है. ये ठीक नहीं है…उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता सभी का ये कहना है कि ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई वजूद नहीं रहा. लोगों के मन में अगर ऐसी भावना आती है तो इसके लिए सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ज़िम्मेदार है.’

‘सीट आवंटन में देरी चुनावी हार का कारण’

इस बीच, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सीट आवंटन में देरी के लिए अपने सहयोगी और विधायक नाना पटोले और राउत को विधानसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘अगर सीट आवंटन के मुद्दे दो दिनों के भीतर हल हो गए होते, तो हमारे पास योजना बनाने के लिए 18 दिन होते. इसके अलावा, नेता बैठकों में देरी से आते हैं.’

वडेट्टीवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, ‘कांग्रेस को ज़्यादा सीटें चाहिए थीं, वडेट्टीवार को विदर्भ में एनसीपी-एसपी और शिवसेना (यूबीटी) के लिए कुछ सीटें छोड़नी चाहिए थीं. कुछ लोग ज़्यादा सीटों पर लड़ना चाहते थे, शायद मुख्यमंत्री पद के लिए. इसके अलावा, कांग्रेस की केंद्रीय समिति भी सीट आवंटन पर गतिरोध में हस्तक्षेप करने में विफल रही.’

उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों में एमवीए ने खराब प्रदर्शन किया और 288 सदस्यीय सदन में सिर्फ 46 सीटें जीतीं. राउत ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया’ गठबंधन की तरह महाराष्ट्र में भी एमवीए घटकों के बीच कोई समन्वय नहीं था.

उधर, भाजपा नेता और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आखिरकार उन्हें होश आ गया है और वे अपनी हार के असली कारणों के बारे में बात कर रहे हैं.’

बावनकुले ने कहा कि विपक्ष ने अपनी हार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटर मशीन को दोषी ठहराया. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘एमवीए ने भ्रम की राजनीति की, इसलिए उन्हें लोकसभा चुनावों में वोट मिले; विधानसभा चुनावों में हमने लोगों को मनाया और अब वे हमारे साथ हैं. अब, एमवीए आंतरिक संघर्षों का सामना कर रहा है और विकास के लिए उसके पास कोई विजन नहीं है.’

शिवसेना (यूबीटी) स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी: राउत

इसके साथ ही संजय राउत ने शनिवार (11 जनवरी) को कहा कि उनकी पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘गठबंधन में अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलते और इससे संगठनात्मक विकास में बाधा आती है. हम अपनी ताकत के दम पर मुंबई, ठाणे, नागपुर और अन्य नगर निगमों, जिला परिषदों और पंचायतों के चुनाव लड़ेंगे.’

उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी को संकेत दिए हैं कि उसे अकेले लड़ना चाहिए.

राज्य विधानसभा में एमवीए की हार को लेकर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिए निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि जो लोग आम सहमति और समझौते में विश्वास नहीं करते, उन्हें गठबंधन में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

उन्होंने आगे दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद ‘इंडिया’ ब्लॉक ने एक भी बैठक नहीं की.

उन्होंने कहा, ‘हम ‘इंडिया’ ब्लॉक के लिए एक संयोजक भी नियुक्त नहीं कर पाए. यह अच्छी बात नहीं है. गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, बैठक बुलाना कांग्रेस की जिम्मेदारी थी.’