केरल: 18 वर्षीय खिलाड़ी के साथ 5 वर्षों में 60 से अधिक लोगों ने कथित यौन शोषण किया, 14 आरोपी गिरफ़्तार

ये कथित मामला तब सामने आया, जब केरल महिला समाख्या सोसायटी के सदस्यों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पीड़िता से मुलाकात की. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं.

यौन हिंसा के विरोध प्रदर्शन का एक प्लेकार्ड. (फोटो साभार: Sally T. Buck/Flickr CC BY NC ND 2.0)

नई दिल्ली: केरल के पथानामथिट्टा जिले की एक 18 वर्षीय खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि पिछले 5 सालों में 62 लोगों ने उनका यौन शोषण किया. उनकी आपबीती सामने आने पर पथानामथिट्टा जिले के दो थानों में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में केरल पुलिस ने अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच के आधार पर आगे और लोगों के गिरफ्तारी की भी संभावना है.

इस संबंध में पुलिस ने बताया कि महिला खिलाड़ी दलित समुदाय से हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि 13 साल की उम्र से उनका यौन शोषण किया जा रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि उन्हें ऐसे सबूत भी मिले हैं, जो बताते हैं कि खिलाड़ी का उनके कोच, साथी खिलाड़ियों और सहपाठियों द्वारा भी यौन शोषण किया गया था.

पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराएं लगाई गई हैं.

मालूम हो कि ये कथित घटना तब सामने आई, जब एक गैर सरकारी संगठन केरल महिला समाख्या सोसायटी के सदस्यों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पीड़िता से मुलाकात की. इसके बाद संगठन ने जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को पूरे मामले की जानकारी दी और फिर मामला पुलिस तक पहुंचा.

इस संबंध में पथानामथिट्टा के पुलिस अधीक्षक वीजी विनोद कुमार ने कहा कि जांच तेज कर दी गई है और इसके लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पीड़िता के विस्तृत बयान के आधार पर और मामले दर्ज किए जाएंगे, जिसे महिला पुलिस उसकी मां की उपस्थिति में दर्ज कर रही हैं. उनके बयानों के आधार पर कार्रवाई जारी रहेगी.’

पथानामथिट्टा बाल कल्याण समिति के प्रमुख वकील एन राजीव ने कहा कि मामला दिसंबर के दूसरे सप्ताह में समिति के सामने आया था. उन्होंने दावा किया कि पीड़िता 13 साल की उम्र से यौन शोषण का सामना कर रही हैं.

उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने पीड़िता से कहा कि वह अपनी मां के साथ समिति के सामने पेश हों. उन्हें काउंसलिंग दी गई और उन्होंने एक मनोवैज्ञानिक के सामने खुल कर 13 साल की उम्र से अपने साथ हो रहे यौन शोषण के बारे में बताया.’

उन्होंने आगे कहा कि लड़की के परिवार को इस कथित यौन शोषण की कोई जानकारी नहीं थी. पीड़िता ने अपनी मां के साथ कुछ भी साझा नहीं किया था. चूंकि पीड़िता एक जिला स्तर की खिलाड़ी हैं , इसलिए उन्होंने सालों से विभिन्न खेल शिविरों में भाग लिया, हो सकता है कि इस स्थिति ने उनके खिलाफ यौन शोषण को बढ़ावा दिया हो.

उन्होंने ये भी बताया कि निर्भया योजना के मनोवैज्ञानिकों ने पीड़िता के आरोपों की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए उनसे बात की. उन्होंने कथित यौन शोषण करने वालों के नाम जानने के लिए उनके पिता के मोबाइल फोन की भी जांच की, जिस तक उनकी पहुंच थी. एक बार जांच आगे बढ़ने पर और लोगों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने आगे बताया कि पीड़िता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सीडब्ल्यूसी के तहत आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है.

घटनाओं की कथित श्रृंखला के बारे में बताते हुए पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक, जिसकी उम्र 21 साल है, ने पीड़िता को अश्लील तस्वीरें और टेक्स्ट संदेश भेजे थे जब वह 13 साल की थी. इसके बाद जब पीड़िता 16 साल की हुईं, तो वह आदमी उन्हें एक सुनसान रबर बागान में ले गया और कथित तौर पर उनके साथ बलात्कार किया और इसे अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लिया.

आरोप है कि आरोपी और उनके दोस्तों ने एक अन्य मौके पर पीड़िता के साथ गैंगरेप किया और आरोपी ने उनके पिता का फोन नंबर ले लिया.

गौरतलब है कि इस मामले के कुछ संदिग्ध पहले से ही पॉक्सो से लेकर गैर इरादतन हत्या तक विभिन्न आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.

पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं.

परिवार को जानने वाले एक व्यक्ति ने एक्सप्रेस को बताया, ‘गिरफ्तार किए गए कुछ लोग पीड़िता के गांव से हैं. मैंने लड़की के पिता से बात की, जिन्होंने कहा कि उन्हें इन घटनाओं के बारे में कभी पता नहीं चला.’