नई दिल्ली: बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष सीमा पर बाड़ निर्माण को लेकर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की है. यह विवाद तब खड़ा हुआ जब शनिवार (11 जनवरी) को बांग्लादेश ने भारत द्वारा बिना ‘उचित अनुमति’ के बाड़ लगाने के प्रयासों का आरोप लगाया.
बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने ललमनिरहाट जिले के पाटग्राम उपजिले में दहाग्राम सीमा पर बार्ब्ड वायर फेंसिंग का विरोध किया था, जिसके बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने यह काम रोक दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (12 जनवरी) को एक प्रेस विज्ञप्ति में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बांग्लादेश-भारत सीमा पर बीएसएफ की हाल की ‘गतिविधियों’ पर गहरी चिंता व्यक्त की है.
बाड़ निर्माण पर विवाद
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीम उद्दीन ने भारतीय उच्चायुक्त से कहा कि सीमा पर बिना अनुमति बाड़ निर्माण और अन्य गतिविधियां दोनों देशों के सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को कमजोर करती हैं.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘उन्होंने (विदेश सचिव) आशा व्यक्त की कि आगामी बीजीबी-बीएसएफ महानिदेशक स्तर की वार्ता से इस मामले पर विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिलेगा.’
बीजीबी का आरोप है कि दहाग्राम सीमा पर शुक्रवार को शुरू की गई बाड़ निर्माण प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती है, जिसमें सीमा रेखा से 150 गज के भीतर किसी भी निर्माण कार्य को निषिद्ध किया गया है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने सुनामगंज में बीएसएफ द्वारा कथित तौर पर एक बांग्लादेशी नागरिक की हत्या पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गैर-घातक रणनीति अपनाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय अधिकारियों की प्रतिबद्धताओं के बावजूद, हत्याएं जारी रहीं.
भारतीय उच्चायुक्त का बयान
रविवार दोपहर विदेश मंत्रालय में 30 मिनट की बैठक के बाद उच्चायुक्त वर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने बांग्लादेश के विदेश सचिव के साथ ‘अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने और चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की भारत की प्रतिबद्धता’ पर चर्चा की.
वर्मा ने दोहराया कि दोनों सीमा बलों के बीच सीमा बाड़ लगाने को लेकर वे नियमित रूप से संवाद बनाए रखते हैं. उन्होंने तस्करी की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.
बता दें कि उत्तर-पूर्वी सीमा पर बाड़ लगाना नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख सुरक्षा प्राथमिकता रही है.
स्थानीय स्तर पर विरोध और समझौता
बांग्लादेश के प्रमुख अंग्रेजी अख़बार डेली स्टार के अनुसार, दहाग्राम सीमा पर बाड़ निर्माण का स्थानीय निवासियों और बीजीबी अधिकारियों ने विरोध किया, जिसके बाद बीएसएफ ने निर्माण कार्य रोकने का आश्वासन दिया.
बीजीबी के रंगपुर बटालियन के सहायक निदेशक अमीर खासरु ने बताया कि दोनों एजेंसियों के अधिकारियों के बीच नियोजित बैठक और निरीक्षण दौरा बीएसएफ की अनुपस्थिति के कारण रद्द कर दिया गया.
मुंशीपारा के 65 वर्षीय किसान खबीर उद्दीन ने डेली स्टार से कहा, ‘स्थानीय लोग मामले से अवगत हैं और यदि बीएसएफ कानून का उल्लंघन करने की कोशिश करेगी तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.’
शेख हसीना सरकार की आलोचना
बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जाहंगीर आलम चौधरी ने कहा कि शेख हसीना सरकार के दौरान भारत को कुछ गतिविधियों की अनुमति दी गई, जिससे बांग्लादेश के हित प्रभावित हुए.
उन्होंने दावा किया कि 2010 से 2023 के बीच भारत ने 160 स्थानों पर बाड़ का निर्माण किया, इससे तनाव बढ़े हैं. अन्य 78 स्थानों पर भी समस्याएं हैं और हाल ही में पांच स्थानों पर विवाद उत्पन्न हुए हैं, जिनमें चपैनवाबगंज, लालमोनिरहाट में तीन बीघा कॉरिडोर, नौगाँव में पटनीताला, फेनी, कुश्तिया और कमिला शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौतों के अनुसार, शून्य रेखा से 150 गज के भीतर बिना आपसी सहमति कोई रक्षात्मक निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता.’
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