नई दिल्ली: सोमवार (13 जनवरी) को भारत ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त मोहम्मद नूरुल इस्लाम को तलब कर यह स्पष्ट किया कि भारत ने सीमा पर तारबंदी के मामले में सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है. इससे एक दिन पहले, ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर सीमा पर बाड़ निर्माण को ‘अनधिकृत‘ करार देते हुए विरोध जताया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सीमा पर तारबंदी और तकनीकी उपकरणों की स्थापना अपराधों, तस्करी और मानव तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक है.
ढाका का क्या है विरोध?
10 जनवरी को दहाग्राम सीमा पर बाड़बंदी शुरू होने के बाद बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) ने इसका विरोध किया, जिसके बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने निर्माण कार्य रोक दिया. इसके बाद रविवार को बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर अपना गहरा विरोध दर्ज कराया.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशिम उद्दीन ने भारत पर बिना अनुमति के बाड़बंदी करने और सीमा पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की गतिविधियां दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाती हैं.
बैठक के दौरान, बांग्लादेश ने सुनीमगंज में एक बांग्लादेशी नागरिक की मौत को लेकर गहरी चिंता जताई थी. विदेश सचिव जशिम उद्दीन ने भारत से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने और गैर–घातक रणनीति अपनाने की अपील की है.
सीमा विवाद और तारबंदी का मुद्दा
2023-24 की भारतीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बांग्लादेश के साथ 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा में से 3,196.705 किलोमीटर पर बाड़बंदी पूरी कर ली है. बांग्लादेश का दावा है कि सीमा रेखा से 150 गज के भीतर कोई भी संरचना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. भारत ने 2010 के एक समझौते का हवाला देते हुए कहा कि मानवीय और भौगोलिक जरूरतों के आधार पर दोनों देशों की सहमति से 150 गज के भीतर बाड़बंदी की जा सकती है.
शेख हसीना की निर्वासन की मांग
इसके अलावा, बांग्लादेश ने बीते माह भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की है. हसीना पिछले साल अगस्त में ढाका छोड़कर भारत आ गई थीं. भारत में रहते हुए हसीना ने ऑनलाइन कुछ बयान जारी किए हैं, जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए असुविधाजनक साबित हुए हैं.
यह सीमा विवाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रहा है और आने वाले दिनों में सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच वार्ता में यह मुद्दा प्रमुख रहेगा.